सार

आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रही फ्लोरिडा एटलांटिक यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर सुसान शनाइडर कहती हैं कि बॉट्स के साथ इस तरह रिश्ता बनाना एक विनाश्कारी निर्णय होगा।

ट्रेंडिंग डेस्क. हर दिन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं पर हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें साइंटिस्ट्स ने ऑर्टिफीशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी कंपनियों को चेतावनी दी है। साइंटिस्ट्स ने कहा है कि आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) को मजबूत बनाना तो ठीक है लेकिन इसमें रोबॉट्स को प्यार मोहब्बत सिखाकर इंसानों के बीच लाना खतरनाक हो सकता है।

इंसान, रोबॉट और प्यार

दरअसल, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को लेकर काम करने वाली कंपनी रेप्लिका (Replika) ने अपना एक नया चैट बॉट फीचर लॉन्च किया है। इसमें चेट बॉट से बातचीत के दौरान 'रोमांटिक रिलेशनशिप मोड' चालू कर सकते हैं। ये चालू करती ही बॉट आपके पार्टनर की तरह आपसे बातचीत करता और आपकी भावनाओं के मुताबिक जवाब देता है। दावा है कि वर्चुअल बॉट के बाद रियल रोबॉट्स में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस की मदद से इमोशंस डाले जाएंगे।

AI कंपनी और वैज्ञानिकों के तर्क

रेप्लिका का दावा है कि उसका चैट बॉट फीचर लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभाकारी होगा। कंपनी का कहना कि इससे बहुत से लोगों को अपना अकेलापन दूर करने और मन की बात साझा करने में मदद मिलेगी। हालांकि, वैज्ञानिक इस बात से संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि ये एक तरफा रिश्ते की तरह होगा जिसमें इंसान अपने मन के भावों और एहसासों को एक ऐसी मशीन से साझा करेगा, जिसे भावनाओं से कोई लेना देना नहीं। आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस पर काम कर रही फ्लोरिडा एटलांटिक यूनिवर्सिटी की डायरेक्टर सुसान शनाइडर कहती हैं कि बॉट्स के साथ इस तरह रिश्ता बनाना एक विनाश्कारी निर्णय होगा। इसके असल जिंदगी में काफी दुष्परिणाम देखने को मिलेंगे। मशीन द्वारा पैदा किए गए भाव या प्यार की बातें कभी असली नहीं होतीं, ये एक तरह का छलावा होगा।

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