सार
Aghan Purnima 2022: पंचांग के अनुसार, महीने की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। इस तिथि पर कई व्रत-पर्व भी मनाए जाते हैं। इसलिए इस तिथि को विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार अगहन मास की पूर्णिमा 2 दिन रहेगी।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, पूर्णिमा तिथि के स्वामी चंद्रमा हैं। इसलिए जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा शुभ स्थिति में न हो, उन्हें इस दिन चंद्रमा से जुड़े उपाय करने चाहिए। पूर्णिमा महीने की अंतिम तिथि होती है। इस बार अगहन मास की पूर्णिमा 1 नहीं बल्कि 2 दिन रहेगी। ऐसा तिथियों की घट-बढ़ के कारण होगा। 2 दिन पूर्णिमा तिथि होने से दोनों दिनों का महत्व अलग-अलग रहेगा। आगे जानिए कब है अगहन पूर्णिमा और किस दिन क्या करें…
जानें कब से कब तक रहेगी अगहन पूर्णिमा? (Aghan Purnima 2022 Date)
पंचांग के अनुसार, अगहन मास की पूर्णिमा तिथि 7 दिसंबर, बुधवार की सुबह 08:01 से शुरू होकर 08 दिसंबर की सुबह 09:38 तक रहेगी। अगहन पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय की जयंती का पर्व मनाया जाता है, ये पर्व 7 दिसंबर को मनाया जाएगा और अगले दिन यानी 8 दिसंबर को स्नान-दान पूर्णिमा रहेगी। यानी पूर्णिमा से संबंधित दान, उपाय, पूजा आदि सभी कार्य 8 दिसंबर को किए जाएंगे।
कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे? (Aghan Purnima 2022 Shubh Yog)
ज्योतिषियों के अनुसार, 7 दिसंबर को सर्वार्थसिद्धि और साध्य नाम के 2 शुभ योग दिन भर रहेंगे, जिसके चलते इस दिन भगवान दत्तात्रेय की पूजा का महत्व और भी बढ़ गया है। दूसरे दिन यानी 8 दिसंबर को साध्य और शुभ नाम के योग होने से इस दिन स्नान-व्रत व पूजा करना बहुत ही शुभ रहेगा।
7 दिसंबर को क्या करें? (Aghan Purnima 7 December 2022)
7 दिसंबर, बुधवार को दत्त पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। कुछ धर्म ग्रंथों में भगवान दत्त को विष्णुजी का कुछ में त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का अवतार बताया गया है। दत्त पूर्णिमा पर भगवान दत्तात्रेय की पूजा करनी चाहिए। मान्यता है कि जब भी कोई भक्त सच्चे ह्रदय से भगवान दत्तात्रेय को याद करता है, वे अपने भक्त की सहायता के लिए वहां पहुंच जाते हैं और उसकी परेशानियां दूर करते हैं। भगवान दत्तात्रेय ने अपने जीवन में अनेक पशु-पक्षियों को भी अपना गुरु बनाया है।
8 दिसंबर को क्या करें? (Aghan Purnima 8 December 2022)
8 दिसंबर को स्नान-दान पूर्णिमा रहेगी। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थान पर हो, उन्हें इस दिन विशेष उपाय करने चाहिए। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने के बाद जरूरतमंदों को दान देना चाहिए। संभव हो तो ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और उचित दान-दक्षिणा दें। शिवजी की पूजा करें। चंद्रमा से संबंधित उपाय भी इस दिन किए जा सकते हैं। ये सभी काम करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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