सार
पंचांग के अनुसार इस बार साल की पहली नवरात्रि यानी चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) 2 से 10 अप्रैल के बीच मनाई जाएगी। इसी के साथ नए साल की शुरूआत भी होगी। नवरात्रि के दौरान देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। भक्तजन अलग-अलग तरीकों से देवी को प्रसन्न करने का प्रयास करेंगे।
उज्जैन. चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) में तंत्र-मंत्र व ज्योतिषी उपायों के माध्यम से भी देवी की आराधना की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, नवरात्रि में किए गए उपाय बहुत ही जल्दी शुभ फल प्रदान करते हैं। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, नवरात्रि में यदि राशि अनुसार उपाय किया जाए तो और भी शुभ रहता है। इससे आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। ये उपाय बहुत ही सरल होते हैं। आगे जानिए चैत्र नवरात्रि में राशि अनुसार, कौन-सा उपाय करें…
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मेष राशि
ये राशि चक्र की पहली राशि है। इसके स्वामी मंगल हैं। इस राशि के लोग देवी के भवानी स्वरूप की पूजा करें। माता को लाल फूल चढ़ाएं, लाल वस्त्र पहनकर पूजा करें। लाल चंदन की माला से देवी मंत्रों का जाप करें। इससे इन्हें फायदा होगा।
वृषभ राशि
इस राशि के स्वामी शुक्रदेव हैं। इस राशि के लोग देवी सरस्वती की आराधना करें। सफेद वस्त्र पहनें। देवी को सफेद फूल चढ़ाएं और सफेद चंदन या स्फटिक की माला से देवी का मंत्र जाप करें। इससे इनकी मनोकामना पूरी हो सकती है।
मिथुन राशि
इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है। इस राशि के लोग हरे कपड़े पहनकर भुवनेश्वरी देवी की आराधना करें। तुलसी की माला से गायत्री या दुर्गा मंत्रों का जाप करें। देवी को खीर का भोग लगाएं। इससे इनके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।
कर्क राशि
इस राशि के स्वामी चंद्रमा हैं। इस राशि के लोग दैवी के भैरवी स्वरूप की आराधना करें। चावल और दही चढ़ाएं। मिश्री का भोग लगाएं। सफेद कपड़े पहनें। सफेद चंदन या स्फटिक की माला से मंत्र जाप करें। इससे इन्हें फायदा हो सकता है।
सिंह राशि
इस राशि के स्वामी सूर्यदेव हैं। इस राशि के लोग गुलाबी य हल्के लाल रंग के फूल देवी चंद्रघंटा को चढ़ाएं। गुलाबी हकीक की माला से देवी मंत्रों का जाप करें। पीली मिठाई का भोग लगाएं।
कन्या राशि
इस राशि के स्वामी बुधदेवता हैं। इस राशि के लोग स्कंदमाता की आराधना करें। तुलसी की माला से देवी मंत्रों का जाप करना फायदेमंद रहेगा। पिस्ते से बनी मिठाई का भोग देवी को लगाएं।
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तुला राशि
इस राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है। इस राशि के लोग देवी लक्ष्मीजी की पूजा करें। देवी को सफेद फूल अर्पित करें और सफेद चंदन या स्फटिक की माला से कोई भी दुर्गा मंत्र का जाप करें। सफेद बर्फी या मिश्री का भोग लगाएं।
वृश्चिक राशि
इस राशि के स्वामी मंगलदेव हैं। इस राशि के लोगों को देवी कालरात्रि की पूजा करनी चाहिए। माता को लाल फूल चढ़ाएं। लाल वस्त्र पहनकर पूजा करें और लाल चंदन की माला से देवी मंत्रों का जाप करें।
धनु राशि
इस राशि के स्वामी गुरु हैं। इस राशि के लोग देवी के मातंगी स्वरूप की पूजा करें। पीले वस्त्र पहनकर माता को हल्दी चढ़ाएं। हल्दी की माला से बगुलामुखी या दुर्गा जी का कोई भी मंत्र का जाप करें।
मकर राशि
इस राशि के स्वामी शनिदेव हैं। इस राशि के लोग शारदा देवी की आराधना करें और आसमानी रंग के आसन पर बैठकर नीले फूलों से पूजा करें। नीलम रत्न या नीले हकीक की माला से जाप कर नैवेद्य में उड़द से बनी मिठाई या हलवा चढ़ाएं।
कुंभ राशि
इस राशि के स्वामी भी शनिदेव ही हैं। इस राशि के लोग कालिकाजी की आराधना करें और नीले रंग के आसन पर बैठकर नीले फूलों जैसे अपराजित से पूजा करें। नीलम या नीले हकीक की माला से जाप कर नैवेद्य में उड़द से बनी मिठाई या हलवा चढ़ाएं।
मीन राशि
इस राशि के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं। इस राशि के लोग देवी गौरी की पूजा करें और हल्दी की माला से बगुलामुखी या दुर्गा जी का कोई भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। पीली मिठाई या केले का भोग लगाएं।
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