सार
15 जनवरी, बुधवार को सूर्य पूजा का पर्व मकर संक्रांति है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने का महत्व है।
उज्जैन. ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार सूर्य पंच देवों में से एक हैं और साक्षात् दिखाई देने वाले देवता हैं। किसी भी शुभ काम में गणेशजी, शिवजी, विष्णुजी, देवी दुर्गा और सूर्य की पूजा अनिवार्य रूप से की जाती है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य अशुभ स्थान पर है, उन्हें इस दिन सूर्य यंत्र की स्थापना करनी चाहिए और रोज इसकी पूजा करनी चाहिए।
इस विधि से करें सूर्य यंत्र की स्थापना
- सूर्य यंत्र की स्थापना के लिए संक्रांति पर सुबह उठें और स्नान के बाद सूर्य को प्रणाम करें, अर्घ्य अर्पित करें।
- सूर्य यंत्र पर गंगाजल और गाय का दूध चढ़ाएं। इसके बाद फूल, चावल, कुमकुम सहित अन्य पूजन सामग्री चढ़ाएं।
- पूजा में जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए। ऊँ घृणि सूर्याय नम: का जाप करते रहें।
- मंत्र जाप कम से कम 108 बार करें। जाप के बाद इस यंत्र की स्थापना अपने घर के मंदिर में कर दें।
- इसके बाद रोज इस सूर्य यंत्र की पूजा करनी चाहिए। इस उपाय से सूर्य दोष में कमी आती है और परेशानियां दूर हो सकती हैं।