सार
इस बार 6 सितंबर, सोमवार श्राद्ध और 7 सितंबर, मंगलवार को स्नान-दान की अमावस्या (Amavasya 2021) है। यानी 6 सितंबर को पितृों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करना उत्तम रहेगा, वहीं 7 सितंबर को पवित्र नदी में स्नान कर जरूरतमंदों को दान करना श्रेष्ठ रहेगा।
उज्जैन. हिन्दी पंचांग के एक माह दो भागों में यानी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में बंटा रहता है। एक पक्ष 15 दिनों का होता है। शुक्ल पक्ष में चंद्र की कलाएं बढ़ती हैं यानी चंद्र बढ़ता है। कृष्ण पक्ष में चंद्र घटता है और अमावस्या (Amavasya 2021) पर पूरी तरह से अदृश्य हो जाता है।
16 कलाएं होती हैं चंद्रमा की
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार चंद्र की सोलह कलाएं बताई गई हैं और सोलहवीं कला को अमा कहा जाता है। इस तिथि पर सूर्य और चंद्र एक साथ एक ही राशि में स्थित होते हैं। 6-7 सितंबर को चंद्र और सूर्य सिंह राशि में रहेंगे। स्कंदपुराण में लिखा है कि चंद्र की एक महाकला है अमा। इस कला में चंद्र की सभी सोलह कलाओं की शक्तियां रहती हैं। इस कला का क्षय और उदय नहीं होता है।
सोमवती अमावस्या (Amavasya 2021) पर कर ये उपाय
- पितृदेव को अमावस्या तिथि का स्वामी माना जाता है। इसलिए अमावस्या पर पितरों की तृप्ति के लिए तर्पण, श्राद्ध कर्म और, धूप-ध्यान और दान-पुण्य करने का महत्व है।
- सोमवार को अमावस्या होने से इस दिन शिवजी का विशेष अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक पहले जल से फिर पंचामृत से और फिर जल से करना चाहिए। अभिषेक के बाद भगवान को चंदन से तिलक करें। बिल्व पत्र, धतूरा और काले तिल चढ़ाएं।
- किसी शिव मंदिर जाएं और तांबे के लोटे में जल भरकर अभिषेक करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
भौमी (मंगलवार) अमावस्या (Amavasya 2021) पर करें ये उपाय
- भौमी अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने की परंपरा है। इस दिन मंत्र जाप, तप और व्रत करने की परंपरा है।
- अमावस्या पर सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को जल चढ़ाएं और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें।
- इस दिन हनुमानजी के सामने दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें।