सार

धर्म ग्रंथों में वैशाख मास का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है। भगवान विष्णु का प्रिय मास होने के कारण इसे माधव मास भी कहते हैं। इस महीने की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है।

उज्जैन. वैशाख मास की पूर्णिमा होने के कारण इसे वैशाखी पूर्णिमा (Vaisakhi Purnima 2022) भी कहते हैं। इस बार ये तिथि 16 मई, सोमवार को है। इस तिथि पर भगवान सत्यनारायण की कथा करने का विशेष महत्व है। कुछ धर्म ग्रंथों में इसे पीपल पूर्णिमा भी कहा गया है। इस दिन पीपल वृक्ष की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, इस तिथि पर अगर पीपल से जुड़े कुछ उपाय (Vaisakhi Purnima 2022 Ke Upay) भी किए जाते हैं भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और दुर्भाग्य भी दूर होता है। आगे जानिए वैशाखी पूर्णिमा पर कौन-से उपाय करें…

1. वैशाखी पूर्णिमा पर पीपल पर जल चढ़ाएं और शुद्ध घी का दीपक लगाएं। इसके बाद 7 परिक्रमा करें। परिक्रमा करते समय भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते रहें। ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद तो मिलता ही है साथ-साथ दुर्भाग्य भी दूर होता है।
2. पीपल पूर्णिमा की सुबह स्नान आदि करने के बाद कुश का आसन लगाकर पीपल वृक्ष के नीचे बैठ जाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। इस दौरान शुद्ध घी का दीपक जलते रहना चाहिए। कम से कम 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे शनि से संबंधित दोष दूर होते हैं और लाइफ की परेशानियां भी दूर होती है।
3. वैशाखी पूर्णिमा पर सुबह स्नान आदि करने के बाद पीपल वृक्ष के नीचे मिट्टी के शिवलिंग बनाएं और उनकी पूजा करें। इसके बाद वहीं बैठकर नवग्रह शांति मंत्र का जाप करें। इससे सभी ग्रहों की शांति होती है और बेड लक भी दूर होता है। ये है नवग्रह शांति मंत्र-
ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। 
गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।
4.
पीपल पूर्णिमा की सुबह स्नान आदि करने के बाद पीपल के 11 पत्ते तोड़ें और इन्हें गंगा जल से शुद्ध कर लें। फिर इन सभी पत्तों पर सिंदूर या लाल चंदन से श्रीं लिखें और ये इनकी माला बनाकर भगवान विष्णु को चढ़ाएं। ऐसा करने से धन लाभ के योग बन सकते हैं। ये बहुत ही अचूक और सरल उपाय है।