सार

यूपी में तबादला निरस्त होने के इंतजार में कई डॉक्टरों ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। इस कारण मरीजों को सही से इलाज नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि करीब 190 डॉक्टर तबादला कैंसिल होने के इंतजार में अपने घरों में बैठ गए हैं। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में करीब 190 डॉक्टर ट्रांसफर कैंसिल होने के इंतजार में बैठे हैं। इनमें लेवल 1 से लेकर लेवल 4 तक के डॉक्टर हैं। बता दें कि ये डॉक्टर अस्पताल में काम करने की जगह अपने घरों में बैठ गए हैं। जब इन डॉक्टरों से इनकी ड्यूटी के बारे में पता किया गया तो कोई बीमार होने की बात करने लगा तो कोई दाम्पत्य नीति का। विभागीय अफसरों और डॉक्टरों की इस लड़ाई में सबसे ज्यादा जिसे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वह मरीज हैं। क्योंकि इससे उनको समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है। 

जांच के लिए बनाई गई कमेटियां
राज्य में डॉक्टरों की कमी से सभी भले तरीके से वाकिफ हैं। ऐसे में रही सही कसर इस तबादले ने पूरी कर दी। बता दें कि प्रदेश में करीब 12 हजार डॉक्टर हैं। इससे पहले जून के महीने में लगभग 2400 डॉक्टरों का ट्रांसफर किया गया था। इस तबादले को लेकर जमकर बवाल भी हुआ था। आरोप लगे थे कि तबादला सूची में गड़बड़ी हुई है। जिसके बाद इस गड़बड़ी की जांच को लेकर कई अलग-अलग कमेटियां भी बनाई गई थीं। साथ ही तबादला कमेटी में शामिल चिकित्साधिकारियों के खिलाफ भी जांच बैठाई गई। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। इस दौरान कुछ डॉक्टरों का ट्रांसफर जरूर कैंसिल हो गया। लेकिन अभी भी करीब 190 डॉक्टर बीच में फंसे हुए हैं।

ट्रांसफर कैंसिल करने की कर रहे मांग
कुछ डॉक्टर दाम्पत्य नीति का हवाला देकर इस ट्रांसफर को गलत बता रहे हैं तो कोई बीमार होने की बात कह कर ट्रांसफर निरस्त करने की मांग कर रहा है। वहीं बीते 26 जुलाई को विशेष सचिव डा. मन्नान अख्तर ने लेवल एक के 89 डॉक्टरों की सूची जारी करते हुए स्थनांतरण निरस्त अथवा संशोधित करने के लिए महानिदेशालय से पत्रावलियां मंगवाई थीं। इसके बाद महानिदेशालय ने इस सूची का सत्यापन कर इसकी रिपोर्ट शासन के पास भेजी दी थी। लेकिन इसके बाद भी लिस्ट में शामिल कई डॉक्टरों के ट्रांसफर पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसी कारण से लेवल तीन और चार के डॉक्टरों ने भी अभी तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। 

कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर रोका गया वेतन
बताया जा रहा है कि करीब 190 डॉक्टरों के कार्यभार ग्रहम नहीं करने के कारण उनका वेतन रोक दिया गया है। क्योंकि नई तैनाती वाले स्थान से इन सभी का वेतन जारी होना है। वहीं स्वास्थ्य एवं चिकित्सा महानिदेशक डॉ. लिली सिंह के अनुसार, जो डॉक्टरों का तबादला सूची में नाम शामिल है, उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया है। वहीं कुछ डॉक्टरों के तबादले को निरस्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। डॉक्टरों द्वारा कार्यभार ग्रहण किए जाने के बाद ही वेतन जारी किया जाएगा। इस मामले का फैसला शासन स्तर पर लिया जाएगा। 

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