सार
अयोध्या में सरयू तट के पास में लता मंगेशकर चौराहे का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इस निर्माण को दीपावली से पहले पूरा करने की भी योजना है। हालांकि इसको लेकर साधू संतों की नाराजगी भी सामने आ रही है।
अनुराग शुक्ला
अयोध्या: सरयू तट के करीब सुर कोकिला लता मंगेशकर चौराहे के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। इसके डिजाइन के लिए ग्लोबल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। जिसमे देश के विभिन्न राज्य जैसे यूपी ,महाराष्ट्र और गुजरात सहित कई जगहों के 56 आर्किटेक्ट और कलाकारों ने हिस्सा लिया लिया था। ऑनलाइन हुई इस प्रतियोगिता में टॉप 5 लोगों का चयन कर सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने प्रस्तुत किया गया। जिसमें एक डिजाइन को सेलेक्ट कर लिया गया है। अब इसके निर्माण को दिपावली के पहले पूरा कर लेने की योजना है।
रामनगरी में प्रवेश करते ही सुनाई देंगे लता मंगेशकर के भक्ति संगीत
राम नगरी में प्रवेश करते ही लता मंगेशकर के भक्ति संगीत की स्वर लहरियां श्रद्धालुओं को सुनाई देगी। विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक लता मंगेशकर ने राम भक्त के रूप में बहुत सारे भजन गाए है। उनकी पूरी यात्रा एक भक्त की तरह रही। उन्होंने 92 वर्ष के जीवन काल मे जिस प्रकार मां सरस्वती की सेवा की इसका रिप्रजेंटेशन होगा। उन्होंने बताया नवनिर्मित चौराहे पर लता जी के भजन 24 घंटे गुंजायमान होंगे।
विहिप और संतो ने कहा-स्थल का चयन ठीक नहीं सीएम से करेंगे शिकायत
अयोध्या का हृदय स्थली माने जाने वाले चौराहे को लता मंगेशकर चौराहा बनाए जाने पर संतो -महंतों और विश्व हिंदू परिषद( विहिप) ने कड़ी आपत्ति जताई है। लोगों का मानना है कि लता मंगेशकर के नाम चौराहा बनाने पर उन्हें आपत्ति नहीं है ,लेकिन स्थान का चयन ठीक नहीं किया गया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने इस निर्माण को जल्द रुकवाने की बात कही है। उन्होंने कहा अयोध्या वैष्णव संप्रदाय के संतों की नगरी है। यह रामानंद संप्रदाय का गढ़ है। इसलिए उस स्थान पर जगद्गुरु रामानंदाचार्य या तुलसीदास जी के नाम से चौराहे का निर्माण होना चाहिए था क्योकि वह अयोध्या का प्रमुख चौराहा है। इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से बात करने और मुलाकात की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने कहा इसका हर प्रकार से विरोध किया जाएगा। राम कचहरी चारों धाम मंदिर के महंत शशिकांत दास और हनुमानगढ़ी के प्रधान पुजारी रमेश दास और पार्षद आलोक मिश्रा ने कहा पहले लता जी के नाम से चौराहा फैजाबाद से अयोध्या आने के मार्ग पर बनाना था । जिसका विरोध भी किसी ने नही किया था। एकाएक निर्णय कब बदल गया किसी को पता नहीं चला। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा यह भगवान राम की नगरी है और यहां हजारों की संख्या में साधु संतों का वास है। लता मंगेशकर जी सबके लिए पूजनीय है। उनके स्मृति में किसी अन्य चौराहे का नामकरण किया जाता तो ज्यादा अच्छा था। उन्होंने कहा संतों की अभिव्यक्ति के साथ वीएचपी खड़ी है।
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