सार
राज्य सरकार अब राशन कार्ड बनवाकर गरीबों का हक लेने वाले अपात्र अब कार्रवाई के खौफ से कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने इसके लिए एक पत्र जारी कर लोगों को जागरूक कर रहे है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अधिकारियों, मंत्रियों, अपराधियों, माफियाओं समेत उन सभी लोगों पर शिकंजा कसने में लगी हुई है जो सरकार के विरुद्ध काम कर रहे है। राज्य में अब अयोग्य यानी अपात्र राशन कार्ड धारक योगी सरकार के निशाने पर आ गए है। राज्य सरकार के मुताबिक अपात्र लोगों को फ्री राशन योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए क्योंकि अपात्रों को राशन मिलने की वजह से पात्र लोग इस योजना से वंचित रह जा रहे है।
जिला प्रशासन ने जारी किया पत्र
राज्य सरकार अब प्रशासन की तरफ से अब मुनादी करवाकर अपात्र लोगों को अपने कार्ड को सरेंडर करने की बात कही जा रही है। यह सूचना प्रशासन कोटेदारों के माध्यम से लोगों तक पहुंचा रहे है। लखनऊ व जिला प्रशासन ने एक पत्र जारी किया है जिसमें किसे राशन मिलना चाहिए उसकी पूरी जानकारी दी है। पत्र में बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में 2 लाख सालाना और शहरी क्षेत्र में 3 लाख सालाना आय से कम वाले ही राशन का कार्ड योजना के पात्र होंगे। इन मानकों के अंदर नहीं आने वाले लोग अपना कार्ड सरेंडर कर दें। अन्यथा ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही प्राप्त राशन भी वसूला जाएगा।
आदेश को लेकर किया जा रहा जागरूक
वहीं इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कोटेदार के मुताबिक सभी को सरकार के आदेश के बारे में बताया जा रहा है। इसी का नतीजा है कि जो लोग इस मानक को पूरा नहीं करते है वे अपना राशन कार्ड डीएम कार्यालय में जाकर जमा कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी ओर राशन लेने वालों का कहना है कि उन्हें अभी इस बारे में जानकारी नहीं है कि कार्ड कब जमा करना है। उन सभी लोगों का कहना है कि हम सभी पात्र हैं इसी वजह से लगातार राशन ले रहे हैं।
800000 अपात्र कार्ड को किया निरस्त
जिले के सीडीओ अश्विनी कुमार के मुताबिक अयोग्य लोगों को अपना राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए कहा गया है। कई लोगों ने सरेंडर करना भी शुरू कर दिया है। आगे कहते है कि हमारा प्रयास है कि उन सभी लोगों को पर्याप्त राशन मिल जाए जो सच में पात्र है। वहीं असिस्टेंट कमिश्नर फूड सप्लाई के अनिल कुमार दुबे के कहना है कि हम लोग हर साल इस योजना का मूल्यांकन करते हैं। उसके बाद अपात्र लोगों को फिल्टर करते हैं और पात्र लोगों को राशन कार्ड देते हैं। इस बार भी यहीं किया गया है। आगे कहते है कि हमने न केवल 800000 कार्ड को निरस्त किया है और जबकि कई लाख कार्ड नए भी बनाए गए हैं।
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