सार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मायावती के पिता प्रभु दयाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मायावती से फोन पर वार्ता कर उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए मायावती तथा उनके शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

लखनऊ (Uttar Pradesh) । पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती के पिता प्रभु दयाल का कल शाम नोएडा में निधन हो गया। वे 95 साल के थे। जिनका उपचार नोएडा के मेट्रो अस्पताल में चल रहा था। उनके पार्थिव शरीर को उनके दिल्ली स्थित आवास पर ले जाया गया है। जहां अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। आज दिल्ली के इंद्रपुरी स्थित श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा। पूर्व मंत्री तथा बसपा के वरिष्ठ नेता करतार सिंह नागर के मुताबिक प्रभु दयाल की नौ संतानें हैं, जिनमें छह बेटे तथा तीन बेटियां हैं। बताया जा रहा है कि प्रभु दयाल का स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें मेट्रो अस्पताल में बुधवार को भर्ती कराया गया था। इसके पहले वह नोएडा के ही इंडो गोल्ड अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे।

सीएम ने फोन पर जताया शोक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मायावती के पिता प्रभु दयाल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मायावती से फोन पर वार्ता कर उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुए मायावती तथा उनके शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

अखिलेश-प्रियंका ने भी जताया शोक
मायावती के पिता प्रभु दयाल के निधन पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शोक संवेदनाएं प्रकट कीं है। वहीं, बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पिता प्रभु दयाल का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में होगा। बसपा के समस्त कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों की ओर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोक संतृप्त परिवार को इस क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें।

मायावती को बनाना चाहते थे आईएएस
बताते चले कि मायावती मूलरूप से गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर गांव की निवासी हैं। उनके पिता प्रभु दयाल सरकारी नौकरी में थे, इस वजह से बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए दिल्ली में शिफ्ट हो गए थे। दिल्‍ली में ही मायावती और उनके भाई-बहनों ने पढ़ाई-लिखाई की थी। हालांकि प्रभु दयाल अपनी बेटी मायावती को आईएएस अफसर बनाना चाहते थे, लेकिन बसपा संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आने के बाद उन्‍होंने (मायावती) राजनीति की राह पकड़ ली और फिर यूपी की मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर काबिज भी हो गईं थी।

(फोटो में मायावती)