सार
महाराजगंज जिले की सबसे हॉट सीट नौतनवा में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने की पूरी संभावना है। जबकि अभी तक इस सीट पर पूर्व विधायक कौशल किशोर सिंह और अमन मणि त्रिपाठी के बीच कड़ी टक्कर होती रही है। ऋषि त्रिपाठी को नौतनवा विधानसभा में जनता का समर्थन मिल रहा हैं।
अनुराग पाण्डेय
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज (Maharajganj) जिले की सबसे हॉट सीट नौतनवा (Nautanwa) में इस बार मुकाबला त्रिकोणीय होने की पूरी संभावना है। जबकि अभी तक इस सीट पर पूर्व विधायक कौशल किशोर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह और वर्तमान विधायक अमन मणि त्रिपाठी के बीच कड़ी टक्कर होती रही है। साल 2022 चुनाव में भाजपा (BJP) और निषाद पार्टी (Nishad Party) गठबंधन ने ऋषि त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया है। बताया जा रहा है कि ऋषि त्रिपाठी महाराजगंज से भाजपा के सांसद केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी के बेहद करीबी हैं। साथ ही धन बल में भी आगे हैं। टिकट मिलने के बाद से ही ऋषि त्रिपाठी नौतनवा विधानसभा में कैंपेन भी शुरू कर चुके हैं। उन्हें जनता का भी समर्थन मिल रहा है।
हालांकि निषाद पार्टी से टिकट के लिए निर्दलीय विधायक अमन मणि त्रिपाठी ने भी आवेदन किया था। उनका नाम टिकट पाने वाले दावेदारों में सबसे आगे था। पूरे क्षेत्र में इस बात की चर्चा भी शुरू हो गई थी कि इस बार निषाद पार्टी के बैनर तले निर्दल विधायक चुनाव लड़ेंगे। अचानक जब निषाद पार्टी ने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी की और लोगों की सोच से इतर ऋषि त्रिपाठी जो कि राजनीति में बिल्कुल नए चेहरे हैं, उनपर दांव लगा दिया। इसके बाद निर्दल विधायक खेमे में मायूसी छा गई।
मायावती ने दिया टिकट
कभी बसपा (BSP) सरकार में अमन मणि के पिता अमरमणि त्रिपाठी मंत्री भी रह चुके हैं। अमरमणि त्रिपाठी बसपा सरकार में मायावती के सबसे करीबी मानें जाते थे। बसपा के हर पोस्टर में अमरमणि त्रिपाठी की तस्वीर जरूर रहती थी। बाद में घोर प्रतिद्वंदी पंडित हरिशंकर तिवारी का परिवार भी बसपा में हावी हो गया। इसके बाद अमरमणि बसपा छोड़कर दूसरे दल में शामिल हो गए। वर्तमान में अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी गोरखपुर की जेल में हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं। जब निषाद पार्टी से अमन मणि को टिकट नहीं मिला। तब एक बार फिर बसपा मुखिया मायावती (Mayawati) ने अमरमणि परिवार पर अपना विश्वास जताते हुए अमन मणि को नौतनवा विधानसभा से प्रत्याशी बनाया है। बसपा से टिकट मिलने के बाद निर्दलीय विधायक अमनमणि को भी मजबूती मिली है। नौतनवा विधानसभा में बसपा का अपना अच्छा वोट बैंक है।
सपा से लड़ रहे मुन्ना सिंह
वहीं साल 2012 में नौतनवा से कांग्रेस (Congress) पार्टी से लड़ते हुए कौशल किशोर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने सपा की लहर के विपरित जीत दर्ज की थी। मुन्ना सिंह ने कांग्रेस से लड़ते हुए सपा की लहर में अमनमणि त्रिपाठी को हराया था। इसके बाद मुन्ना सिंह सपा सरकार में शामिल हो गए थे। साल 2017 के चुनाव में सपा ने अमन मणि का टिकट काटकर मुन्ना सिंह को उम्मीद्वार बनाया। वहीं अमन मणि ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जेल से चुनाव लड़ा और जीत भी दर्ज की थी। साल 2022 चुनाव में सपा (Samajwadi Party) ने एक बार फिर मुन्ना सिंह को उम्मीद्वार बनाया है। सपा से टिकट मिलने के बाद मुन्ना सिंह को भी मजबूती मिली है।
त्रिकोणीय लड़ाई में किसकी होगी जीत
केन्द्रीय मंत्री पंकज चौधरी महाराजगंज से छह बार से सांसद रहे हैं। महाराजगंज चुनाव में पंकज चौधरी सक्रिय भूमिका में रहते हैं। इनकी लोकप्रियता का असर उनके करीबी नौतनवा से चुनाव लड़ रहे ऋषि त्रिपाठी को भी मिलेगा। नौतनवा सीट पर भाजपा का अच्छा वोट बैंक है। ऐसे में अगर ऋषि त्रिपाठी मजबूती से चुनाव लड़ते हैं तो यहां का इतिहास दो परिवार वाला बदल सकता है। यहां की जनता ये भी कह रही है कि इस बार यहां की सीट को दो परिवार के कब्जे से मुक्त कराना है। ऐसे में नौतनवा सीट का चुनाव इस बार बहुत दिलचस्प होने वाला है। पहली बार इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई देखने को मिलेगी।
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