सार
उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्य योजना तैयार की है। जनवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले सभी मंत्रीगणों का विदेशों में दौरा होगा। यूपी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में मंत्रियों का दल अलग-अलग देशों में रोड शो आयोजित कर यूपी के पोटेशियम संभावनाओं से परिचय कराएगा।
सुधीर मिश्रा
लखनऊ: उत्तर प्रदेश (uttar Pradesh) के विकास के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) लगातार नई नई रणनीतियों और योजनाओं को जमीन पर उतारने में लगे हुए हैं। इसी बीच अब उत्तर प्रदेश की ग्लोबल ब्रांडिंग के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ी कार्य योजना तैयार की है। जनवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले सभी मंत्रीगणों का विदेशों में दौरा होगा। यूपी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में मंत्रियों का दल अलग-अलग देशों में रोड शो आयोजित कर यूपी के पोटेशियम संभावनाओं से परिचय कराएगा।
दौरे के बीच औद्योगिक जगत से जुड़े लोगों से होगी मुलाकात
विदेश के दौरे के दौरान सभी मंत्री औद्योगिक जगत के लोगों से मिलकर यूपी के निवेश के अनुकूल माहौल का हवाला देते हुए निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे। इतना ही नहीं, उन देशों में प्रवासी भारतीयों और खासकर उत्तर प्रदेश के लोगों से संवाद करके प्रदेश के बदले माहौल और भावी कार्य योजना पर बातचीत भी होगी। बताया जा रहा है कि 2023 में होने वाली
ग्लोबल इन्वेस्टर समिट से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद भी किसी एक देश के दौरे पर जाएंगे और औद्योगिक जगत से जुड़े हुए लोगों से खास मुलाकात करेंगे।
यूपी के मंत्री 12 देशों का करेंगे दौरा
2023 में आयोजित होने वाली 'यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट' के लिए राज्य सरकार ने बड़ी कार्य योजना तैयार की है। इसके तहत राज्य की वैश्विक ब्रांडिंग के लिए सम्मेलन से पहले प्रदेश के सभी मंत्री करीब 12 देशों का दौरा और रोड शो करेंगे। भाजपा के प्रवक्ता ने बताया कि सिंगापुर ने आगे बढ़कर 'यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट' के लिए 'फर्स्ट कंट्री पार्टनर' बनने की इच्छा जताई है।
सितंबर से नवंबर माह के बीच विदेश जाएंगे मंत्री
आपको बताते चलें कि इससे पहले वर्ष 2018 के निवेशक सम्मेलन में नीदरलैंड, जापान, स्लोवाकिया, फिनलैंड, चेक रिपब्लिक, मॉरीशस, थाईलैंड, नेपाल, बेल्जियम कंट्री पार्टनर रहे हैं। इन देशों के साथ-साथ ब्रिटेन, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, कनाडा, स्वीडन, सिंगापुर, नीदरलैंड, इजराइल, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, मॉरीशस, रूस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में रोड शो आयोजित करने की तैयारी है। मंत्रियों के यह दौरे इस साल सितंबर से नवम्बर महीने के बीच हो सकते हैं। योजना के अनुसार एक कैबिनेट मंत्री की टीम में एक स्वतन्त्र प्रभार के राज्य मंत्री और एक राज्य मंत्री हो सकते हैं।
प्रस्तावित समिट में 10 लाख करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश जुटाने का लक्ष्य है। भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि औद्योगिक निवेश से रोजगार के बड़े अवसरों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने औद्योगिक निवेश के माहौल को और बेहतर करने के लिए नियमों में समयानुकूल बदलाव करने को कहा है। उन्होंने बताया कि मंत्रियों के विदेश दौरों से पहले खाद्य प्रसंस्करण, हथकरघा, पॉवरलूम, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव ईंधन, फिल्म एवं मीडिया, पर्यटन, सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन, एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट, गेमिंग और कॉमिक इंडस्ट्री, खिलौना निर्माण, नागर विमानन, आवास एवं रियल एस्टेट सहित एक दर्जन नई क्षेत्रवार नीति के साथ निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा।
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