सार

 मथुरा कोर्ट में 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व वाद में शाही ईदगाह के सर्वे की मांग पर होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से पहले वाद के मेंटनेबल होने पर आपत्ति लगा रखी है। जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या के चलते बार ने शोक सभा रखी थी।

मथुरा: ज्ञानवापी मस्जिद मामले के साथ-साथ मथुरा शाही ईदगाह का मामला भी लगातार जोर पकड़े हुए है। श्री कृष्ण जन्म भूमि की 13.37 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण हैं। सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में आज अतिक्रमण को हटाने पर सुनवाई होनी थी। मथुरा कोर्ट में 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व वाद में शाही ईदगाह के सर्वे की मांग पर होने वाली सुनवाई को टाल दिया गया है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से पहले वाद के मेंटनेबल होने पर आपत्ति लगा रखी है। जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की हत्या के चलते बार ने शोक सभा रखी थी। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख दी है।

हिंदू पक्ष के वकील ने ऑब्जेक्शन किया दाखिल
हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने कोर्ट के सामने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। मुस्लिम पक्ष ने सीपीसी 7/11 के तहत आवेदन दायर किया हुआ है। जिसमें कहा गया है कि जहां वादपत्र में दिया गया कोई बयान किसी कानून द्वारा वर्जित प्रतीत होता है, उसे अदालत अस्वीकार करेगी। हिंदू पक्ष ने इस पर अपना ऑब्जेक्शन दाखिल किया है। इसकी एक कॉपी मुस्लिम पक्ष को दी हुई है । बता दें कि सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों में बहस हुई थी। दोनों पक्ष के वकीलों ने कोर्ट के सामने अपनी-अपनी दलीलें रखी। हिंदू पक्ष के वकील का कहना था कि पहले श्री कृष्ण विराजमान के केस के मेंटेनेबल और नॉन मेंटेनेबल को लेकर जिला कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है। जहां जिला जज की कोर्ट मामले को खारिज कर चुकी है। केस को मेंटेनेबल माना गया है।

कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए दिया समय
मुस्लिम पक्ष ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से अनुरोध किया कि हिंदू पक्ष की ऑब्जेक्शन की कॉपी उन्हें अभी मिली है। इसलिए उन्हें अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मिलना चाहिए। जिस पर कोर्ट ने समय देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 11 जुलाई दी थी। अब कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट केस के मेंटेनेबल और नॉन मेंटेनेबल मामले पर भी सुनवाई करेगा। हिंदू पक्ष शाही ईदगाह के सर्वे के लिए दिए गए आवेदन पर सुनवाई के लिए भी कोर्ट से अनुरोध करेगा। इस संबंध में हिंदू पक्ष ने कोर्ट में जन्मभूमि की रजिस्ट्री की कॉपी, खसरा खतौनी और मथुरा नगर निगम से जुड़े हुए दस्तावेज पेश किए हैं।

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