सार
ये मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshaher) का है। यहां नाम के कंफ्यूजन में एक डॉक्टर (Doctor) ने बुखार के मरीज का ऑपरेशन कर दिया, जिससे उसकी कुछ देर बाद मौत हो गई। मामले में पुलिस से शिकायत की गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची और तुरंत एक्शन लिया।
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshaher) में एक नर्सिंग होम (Nursing Home) प्रबंधन की लापरवाही ने मरीज की जान ले ली। यहां नाम के कंफ्यूजन में डॉक्टर्स (Doctors) ने बुखार के मरीज का ऑपरेशन कर दिया। इसके बाद उस मरीज की तबीयत बिगड़ गई। कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई। मौके पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और अस्पताल को सीज कर दिया। यहां भर्ती मरीजों को अन्य अस्पताल में शिफ्ट किया।
पुलिस ने मामले में परिजन की तहरीर पर नर्सिंग होम के मालिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस जल्द ही डॉक्टर्स और अस्पताल प्रबंधन के बयान लेगी। शुक्रवार को शव का पोस्टमॉर्टम कराए जाने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। इस दौरान हॉस्पिटल के डॉक्टर, स्टाफ नदारद रहा। हॉस्पिटल में परिजन को हंगामा करते देख जिला प्रशासन ने अस्पताल के पास बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात कर दिया।
परिजन का गुस्सा देखकर भागे डॉक्टर और स्टाफ
जानकारी के मुताबिक नरसेना थाना क्षेत्र के गांव किरयारी निवासी यूसुफ (44 साल) को बुखार आ रहा था। इस पर परिजन ने बुलंदशहर स्थित सुधीर नर्सिंग होम में भर्ती करवा दिया। परिजन का आरोप है कि बुखार से पीड़ित मरीज का निजी हॉस्पिटल के अंदर गॉल ब्लैडर का ऑपरेशन कर दिया गया, जिससे मरीज की मौत हो गई है। घटना के बाद गुस्साए परिजन को देखकर डॉक्टर फरार हो गए और मरीज को ठीक उपचार ना मिलने के कारण मौत हो गई है।
सीएमओ बोले- जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करेंगे
फिलहाल, पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय पुलिस गंभीरता से जांच कर रही है। सीएमओ डॉ. विनय कुमार का कहना है कि निजी हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोपों का मामला संज्ञान में आया है। पूरे प्रकरण की गंभीरता से जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल को सील कर दिया है। जांच के बाद दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल में भर्ती थे एक ही नाम के दो मरीज
परिजन का कहना था कि यूसुफ की हालत ठीक थी, लेकिन 20 अक्टूबर की रात में डॉक्टर्स ने ऑपरेशन कर दिया। शुरू में बताया कि गॉल ब्लाइडर का ऑपरेशन किया गया है। बाद में परिजन ने आरोप लगाया कि शरीर का कोई अंग निकालने के लिए ऑपरेशन किया गया है। हालांकि, इसके पीछे दो मरीजों के एक ही नाम का भी कारण बताया जा रहा है। हॉस्पिटल को सीज कर दिया और भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया।
यह भी सामने आया है कि डॉक्टर ने यूसुफ की ना जांच कराई और ना ऑपरेशन को लेकर मरीज के तीमारदारों से कोई चर्चा की। इसके साथ ही किसी डाक्यूमेंट्स पर साइन भी नहीं कराए।