सार

ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव के बीच का सफर काफी मुश्किल है। इसलिए रोपवे को हरी झंडी मिल चुकी है। बोर्ड की बैठक में रोपवे के प्रस्ताव पर मुहर लगाकर यात्रियों के सफर को आसान कर दिया है। 

देहरादून: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में हेलीपैड सेवा शुरू होने से यात्रियों का सफर आसान हुआ तो वहीं अब एक बार फिर राज्य सराकर श्रद्धालुओं को सौगात देने की तैयारी में लग गई है। 
ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव मंदिर तक जाने में अब श्रद्धालुओं को मिनटों का समय लगेगा। इसके लिए उत्तराखंड मेट्रो रेल अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड यानी यूकेएमआरसी की बोर्ड बैठक में ऋषिकेश-नीलकंठ महादेव रोप-वे निर्माण पर मुहर लग गई है। इस प्रस्ताव को कैबिनेट के लिए भेज दिया गया है, मंजूरी मिलने के बाद ही निर्माण शुरू हो जाएगा।

कैबिनेट की मंजूरी के लिए गया भेजा
यात्रियों के लिए ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव के बीच का सफर खासा मुश्किल है इसलिए ऐसा कदम उठाया गया है। यहां हर साल होने वाली भारी भीड़ की वजह से लगातार रोप-वे निर्माण की मांग अक्सर उठती आई है। रोपवे के निर्माण की जिम्मेदारी यूकेएमआरसी के पास है। ऋषिकेश-नीलकंठ रोपवे का प्रस्ताव कॉरपोरेशन ने हाल ही में हुई बैठक में पास कर दिया है। उसके तहत रोपवे की कुल दूरी 5.5 किलोमीटर की होगी। इस प्रस्ताव को कैबिनेट मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन के एमडी जितेंद्र त्यागी ने बताया कि ऋषिकेश-नीलकंठ महादेव रोप-वे को हमारे बोर्ड ने पास करके कैबिनेट मंजूरी के लिए भेज दिया है। चंडीदेवी रोप-वे में सिंचाई विभाग की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया गतिमान है। देहरादून मेट्रो नियो का प्रस्ताव सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है।

हरकी पैड़ी से चंडी देवी रोपवे अटका
यूकेएमआरसी की ओर से जो प्रस्ताव पास किया गया है, उसके तहत रोप-वे की कुल दूरी 5.5 किलोमीटर की होगी। इसमें बीच में दो पड़ाव आएंगे एक आईएसबीटी और दूसरा त्रिवेणी घाट। घाट से सीधे नीलकंठ तक का सफर होगा। वहीं हरकी पैड़ी से चंडी देवी तक बनने वाले करीब सवा दो किलोमीटर रोपवे की टेंडर प्रक्रिया अटक गई है क्योंकि इसके लिए सिंचाई विभाग की कुछ जमीन की जरूरत थी। इसके लिए कॉरपोरेशन ने सिंचाई विभाग को पत्र भेज दिया था। यह प्रोजेक्ट करीब 150 करोड़ का है। लेकिन चंडी देवी जाने के लिए 740 मीटर का एक रोपवे पहले से भी है।

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