सार
कुछ दुकानदारों ने सीओ सिटी से आग्रह किया कि उनसे दुकानें खाली न कराई जाएं और उनका किराया राजकीय खजाने में जमा करने का मौका दिया जाए लेकिन सीओ सिटी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि कानूनन बाध्य हैं। दुकानदारों को इसके लिए डीएम कोर्ट से इजाजत लानी होगी।
गाजीपुर: जिले से लेकर प्रदेश भर में मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) और उनकी पत्नी के नाम पर कई अवैध संपत्तियों (illegal properties) को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में ही कार्रवाई चल रही थी। इसी कड़ी में अफ्शां अंसारी (Afshan Ansari) और बेटों के नाम से गजल होटल होने की जानकारी के बाद जांच पड़ताल की गई। आपको बता दें कि गाजीपुर के सदर कोतवाली के महुआबाग में स्थित इस होटल को कुर्क करने की कार्रवाई गैंगस्टर एक्ट (gangster act) के तहत हो रही है। इसे लेकर गाजीपुर जिलाधिकारी एमपी सिंह ( Ghazipur DM MP Singh) ने आदेश दिए थे। वहीं, पहले की तय कार्रवाई के मुताबिक, मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। अंसारी की आज 10 करोड़ से ज़्यादा की जमीनें और दुकानें कुर्क की गई हैं।
जेल में है मुख्तार अंसारी
बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। गजल होटल पर कार्रवाई कर रही है। बताया जा रहा है कि इस कॉम्प्लेक्स में कुल 17 दुकानें हैं, लेकिन इन दुकानों को जिला प्रशासन के नोटिस के बाद भी अब तक खाली नहीं किया गया है। कुल संपत्ति 10 करोड़ 10 लाख की बताई जा रही है। आपको बता दें कि गजल होटल के ऊपर हिस्से का ध्वस्तीकरण पहले ही हो चुका है। अब होटल के नीचे चल रहे दुकानों का ध्वस्तीकरण किया जाना है। जिसके लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स और राजस्व के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।
दुकानदारों कि अफरा-तफरी के बीच संपत्ति सील
कार्रवाई एसडीएम सदर अनिरुद्ध प्रताप सिंह तथा सीओ सिटी ओजस्वी चावला की अगुवाई में हुई। हालांकि दो मंजिली बिल्डिंग के ऊपरी तल पर होटल था। उसे प्रशासन पिछले साल ही पहली नवंबर को ढाह दिया था। वह कार्रवाई मास्टर प्लान में नक्शे की गड़बड़ी के कारण हुई थी। तब बिल्डिंग के निचले तल की कुल 17 दुकानें छोड़ दी गई थीं लेकिन अब जबकि दुकानों के हिस्से की भी कुर्की की कार्रवाई शुरू हुई तो दुकानदारों में अफरा-तफरी मची रही। अपनी दुकानें खाली करने की उन्हें हड़बड़ी थी। कुछ दुकानदारों ने सीओ सिटी से आग्रह किया कि उनसे दुकानें खाली न कराई जाएं और उनका किराया राजकीय खजाने में जमा करने का मौका दिया जाए लेकिन सीओ सिटी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि कानूनन बाध्य हैं। दुकानदारों को इसके लिए डीएम कोर्ट से इजाजत लानी होगी। उसके बाद हर दुकानों में सील मुहर के साथ ताले जड़ दिए गए। वैसे दुकानदारों को पहले ही इस बात का अंदेशा हो गया था। प्रशासन कई दिन पहले ही बिल्डिंग के शेष बचे निचले तल की नापी-जोखी करवाया था। डीएम एमपी सिंह ने गैंगस्टर एक्ट के तहत उसे कुर्क करने का आदेश सोमवार को दिया। उसके बाद ही दुकानदारों को दुकानें खाली करने के लिए कह दिया गया था। बावजूद ज्यादातर दुकानदार दुकानें खाली नहीं किए थे। दुकानों में जेवर, कपड़े, बर्तन वगैरह की दुकानें शामिल हैं।