मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विधानसभा में दुनिया का समय तय करने को लेकर बड़ी बात कही है। आगे जानिए भविष्य में दुनिया का समय कहां से तय हो सकता है…
मुख्यमंत्री यादव के अनुसार ‘पहले दुनिया के समय का निर्धारण उज्जैन शहर से किया जाता था, लेकिन बाद में पेरिस ने प्राइम मेरिडियन रेखा से समय निर्धारण करना शुरू कर दिया।’
CM मोहन यादव ने कहा कि ‘अंग्रेज भी ग्रीनविच लाइन को प्राइम मेरेडियन मानते हैं। जबकि प्राइम मेरिडियन काल्पनिक रेखा है, इसलिए इसे समय निर्धारण के लिए सटीक नहीं माना जा सकता।’
CM मोहन यादव के अनुसार, उनकी सरकार ग्रीनविच से प्राइम मेरेडियन को उज्जैन शिफ्ट करने का काम करेगी, जिससे निकट भविष्य में समय का निर्धारण उज्जैन से किया जाने लगेगा।
CM मोहन यादव ने कहा कि ‘उज्जैन में ही भारत की सबसे पुरानी वेधशाला भी है, जिसका निर्माण 18वीं शताब्दी में जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वितिय ने करवाया था।’
उज्जैन को मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहा जाता है। यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर स्थित हैं। कहते हैं कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पृथ्वी के सेंटर पर स्थापित है।
साल 1884 में ग्रीनविच से गुजरने वाली देशांतर रेखा को शून्य मेरिडियन या प्राइम मेरिडियन के रूप में स्वीकार किया गया था। इसी से दुनिया का समय तय होता है।