छठ पर्व वैसे तो पूरे देश में मनाया जाता है, लेकिन उत्तर भारत में इसकी मान्यता काफी अधिक है। इस पर्व में सूर्यदेव की पूजा का विधान है। रामायण -महाभारत में भी इसका वर्णन मिलता है।
छठ पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है। इसके पहले दिन को नहाय-खाए कहते हैं। इस बार नहाय-खाए 17 नवंबर, शुक्रवार को है। छठ पूजा के सभी नियम इसी दिन से शुरू हो जाते हैं।
छठ पर्व के दूसरे दिन को खरना कहते हैं। इस दिन व्रत करने वाले गुड़ और खीर का प्रसाद खाकर 36 घंटे तक निर्जला उपवास करते हैं। इस बार खरना 18 नवंबर, शनिवार को है।
19 नवंबर, रविवार को छठ पूजा का मुख्य दिन रहेगा। रविवार की शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जिसे संध्या अर्घ्य भी कहते हैं। ये इस पर्व का सबसे मुख्य दिन होता है।
छठ पर्व के चौथ दिन यानी 20 नवंबर, सोमवार को सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देकर व्रत का पारणा किया जाएगा। इस दौरान व्रती सूर्यदेव से परिवार की सुख-शांति के लिए कामना करते हैं।