ज्यादा तापमान और गर्मी-कंपन, कार की बैटरी को नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें टूट-फूट का कारण भी बन सकती है। इसलिए समय-समय पर इसकी जांच करते रहें। बैटरी पुराना होने पर बदलवाएं।
गर्मी में कार के टायर रिएक्टिव हो सकते हैं। ऐसे में सही प्रेशर रखना चाहिए। इससे हीटिंग जैसी समस्याएं नहीं होती हैं। हर बार रिफ्यूलिंग के दौरान पेट्रोल पंप पर हवा चेक करवाएं।
गर्मियों में अपने सनग्लास का इस्तेमाल करें। हर बार उन्हें अपने साथ नहीं रखना चाहते हैं, तो कार में एक्स्ट्रा सनग्लास रखें। इससे ड्राइविंग करते समय सूरज की रोशनी से बच सकते हैं।
कार को ठंडा रखने में कई फ्लूइड एक साथ काम करते हैं। इसलिए इनका लेवल मेंटेन रखना चाहिए। गर्मियों में ये फ्लूइड वेपोराइज हो जाते हैं, इसलिए इंजन ऑयल के साथ इनकी भी जांच करते रहें।
विंडस्क्रीन बार-बार साफ करें और किसी भी खरोंच या डेंट को हटाने की कोशिश करें। क्योंकि सूरज की रोशनी इन पर पड़ने से डिस्ट्रेक्शन हो सकती है और एक्सीडेंट होने का खतरा रहता है।
गर्मियों के ड्राइविंग के दौरान कार की एसी हर समय ही चालू रहती है, इससे फ्यूल एफिशिएंसी कम होती है। इसलिए, गर्मियों में कार में फ्यूल मीटर को देखते रहें और उसे मेंटेन रखें।
कार हीट होने के कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में अगर कार ओवरहीट मोड में चली गई है तो गाड़ी को काफी नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए ओवरहीटिंग का संकेत मिलते ही कार को छाया में पार्क करें।
मौसम कोई भी हो कार में इमरजेंसी किट साथ रखना चाहिए। गर्मियों में समय-समय पर इन्हें बदलते रहें। इनमें दवाईयां, पानी की बोतल और बेसिक फर्स्ट एड किट, खाने का सामान रखें।