हैंडब्रेक पूरी तरह न खींचें। ऐसा करने से कार के ब्रेक्स, ड्रम और टायरों को नुकसान पहुंच सकता है। ब्रेकिंग का पूरा सिस्टम इस वजह से जल्दी खराब हो सकता है।
गियर लीवर पर हाथ रखना गियर ट्रांमिशन को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे धीरे-धीरे गियर के चक्के घिस जाते हैं और फिर गियर शिफ्ट करने में दिक्कत आती है।
कार की एसी का टेंपरेचर ज्यादा कम रखना कंप्रेसर पर असर डाल सकता है। इससे माइलेज कम हो जाता है। एसी 20-24 डिग्री तक रखें। मैनुअल कंट्रोल् में ब्लू जोन में रखें।
समय पर कार सर्विस करवाएं, इंजन ऑयल मेंटेन रखें। कम इंजन ऑयल इंजन को खराब कर सकता है। आपकी कार सीज भी हो सकती है। इससे नई कार भी कबाड़ हो जाएगी।
गियर बदलने के बाद कई लोगों की आदत क्लच पर पैर रखने की होती है. इससे क्लच प्लेट पर असर पड़ता है। इंजन से गियर बॉक्स और क्लच प्लेट खराब हो सकता है।
टायरों में कम हवा कार की माइलेज कम कर सकता है। इससे इंजन पर लोड आ जाता है। टायर भी जल्दी से घिस जाते हैं और इंजन की लाइफ भी कम हो जाती है।
स्टीयरिंग अचानक से हार्ड हो जाए तो समझ जाइए कि स्टीयरिंग ऑयल कम हो गया है। बिना देरी किए टॉपअप करवाएं वरना स्टीयरिंग रैक को नुकसान पहुंच सकता है।
कार की इंजन को यूं ही फन के लिए रेव करने से बचें. गाड़ी में रेस देने से बचें और लोअर गियर में कार की रफ्तार न बढ़ाएं। इससे कार इंजन की लाइफ कम होती है।
अपनी कार को कभी भी धूप में पार्क न करें। इससे कार का पेंट खराब हो सकता है। इससे कार में जहरीली गैस भी बन सकती है। जिससे सेहत भी बिगड़ सकती है।
समय-समय पर कार का कूलेंट लेवल चेक करते रहें। कूलेंट लेवल कम होने से इंजन ज्यादा गर्म हो जाता है। इससे इंजन की सेहत बिगड़ सकती है। इंजन सीज भी हो सकता है।