8 नवंबर 2016 को पीएम मोदी ने 500-1000 के नोट बंद कर दिए थे। तब इसकी जगह नए पैटर्न में 500 और 2000 के नोट जारी किए गए थे।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) साल 2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर चुका है। 2021-22 में 38 करोड़ 2000 के नोट नष्ट किए गए हैं।
RBI का कहना है कि दो हजार के नोट का ऑब्जेक्टिव यानी उद्देश्य पूरा होने के बाद 2018-19 इसकी प्रिंटिंग बंद कर दी गई है।
31 मार्च 2023 तक दो हजार के 181 करोड़ नोट सर्कुलेशन में थे। इनका कुल वैल्यू 3.26 लाख करोड़ रुपए था।
पिछले चार साल में ही 2000 के 102 करोड़ नोट नष्ट किए गए हैं। 2016 में कुल करेंसी वैल्यू का 50 प्रतिशत थे, जो अब 13.8 प्रतिशत ही बचे हैं।
2016 में नोट बंद करने के पीछे की वजह नकली नोट बंद करना था लेकिन नोटबंदी के बाद दो सालों में जो नकली नोट पकड़े गए उनमें 56% सिर्फ 2000 रुपए के नोट ही थे।
यह फैसला सभी के लिए लागू है। हर कोई जिसके पास 2000 के नोट हैं, उसे 30 सितंबर यानी आज तक बैंक की किसी भी ब्रांच में जमा कर या दूसरे नोटों से एक्सचेंज करना होगा।