एअर इंडिया के अधिग्रहण के बाद ही कई कर्मचारियों को शानदार रिकॉर्ड के बावजूद निकाल दिया गया। जबकि अधिग्रहण के दौरान कहा गया था कि दो साल तक किसी की नौकरी नहीं जाएगी।
टाटा कोड ऑफ कंडक्ट में व्हिसिल ब्लोअर का जिक्र है लेकिन जब भी कोई कर्मचारी अपनी बात उठाना चाहता है, तो उसे टाउनहॉल मीटिंग में चुप करा दिया जाता है। असमानता का व्यवहार भी होता है।
एअर इंडिया के कर्मचारियों का हायर रैंक के लिए इंटरव्यू लेने के बावजूद उन्हें लोअर ग्रेड की जॉब दी गईं। कुछ शॉर्टलिस्ट को हटाया भी गया, जबकि बाहर से कम अनुभव वाले हायर किए गए।
टाटा कोड ऑफ कंडक्ट में टांसपरेंसी की कमी को लेकर कर्मचारी यूनियन ने चिंताएं जाहिक की है। आरोप है कि एयर एशिया इंडिया के एम्प्लॉइज को परमानेंट और उन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर रखा गया है।
कर्मचारियों ने हाउस रेंट अलाउंस, ट्रैवल अलाउंस, डीयरनेस अलाउंस जैसे जरूरी भत्तों को लेकर शिकायतें की हैं, जो एयर एशिया मर्जर से पहले मिलते थे, जिसे हटा दिया गया और सैलरी कम हो गई।
आरोप है कि एयरलाइंस को चलाने के तौर-तरीकों (SOP) में कर्मचारियों के सालों के एक्सपीरिएंस, सीनियरटी और टैलेंट की अनदेखी की जा रही है।
कर्मचारियों का आरोप है कि एयरलाइंस मिस-मैनेजमेंट से गुजर रही है। जिसका असर कर्मचारियों के काम पर होने के साथ कंपनी परफॉर्मेंस और कस्टमर एक्सपीरियंस पर भी हो रहा है।