Business News

माता सीता को मुंह दिखाई में मिला था अयोध्या का ये महल, जानें किस्सा

Image credits: Instagram

अयोध्या का कनक भवन

अयोध्या में हजारों मंदिरों में से एक कनक भवन है, जो कभी भगवान राम और माता सीता का निजी महल था। अयोध्या के उत्तर-पूर्व में बसा कनक मंदिर की कलाकृतियां काफी प्रसिद्ध हैं।

Image credits: Instagram

माता सीता को किसने उपहार में दिया कनक भवन

मान्यताओं के अनुसार, महारानी कैकेयी ने बड़े बेटे राम के विवाह के बाद अपनी बड़ी बहु सीता को मुंह दिखाई में कनक भवन उपहार में दिया था। यह अब कनक मंदिर के नाम से जाना जाता है।

Image credits: Instagram

कनक महल का इतिहास

पौराणिक कथाओं के अनुसार, विवाह के बाद राम के मन में विचार आया कि पत्नी के लिए एक सुंदर महल होना चाहिए। उसी समय महारानी कैकेयी को भी सपने में एक भव्य महल दिखाई दिया था।

Image credits: Instagram

कनक भवन में आज भी राम-सीता रहते हैं

कैकेयी ने राजा दशरथ से सपने जैसा महल बनवाने का आग्रह किया। तब इसका निर्माण देवताओं के शिल्पकार विश्वकर्मा जी की देखरेख में हुआ। मान्यता है कि आज भी राम-सीता यहां भ्रमण करते हैं।

Image credits: Instagram

कैकेयी ने कब उपहार में दिया कनक भवन

कुछ कथाओं के अनुसार, सोने का कनक भवन कैकेयी के लिए ही किया गया था लेकिन राम के विवाह के बाद उन्होंने कनक महल बड़े बेटे राम और बहु सीता को मुंह दिखाई में दे दिया।

Image credits: adobe stock

कनक भवन में नहीं रहता था कोई पुरुष

मान्यता है कि भगवान राम के अलावा किसी पुरुष को कनक भवन में आने की अनुमति नहीं थी। हालांकि, रामभक्त हनुमान को कनक भवन के आंगन में रहने की अनुमति जरूर थी।

Image credits: Facebook

कनक भवन का जीर्णोद्धार किसने करवाया

कनक भवन से मिले शिलालेख के अनुसार, द्वापर में जरासंध का वध कर जब भगवान कृष्ण यहां पहुंचे, तब कनक भवन टीले में बदल गया था। विक्रमादित्य ने कनक भवन का जीर्णोद्वार करवाया था।

Image credits: Instagram

कनक भवन को भव्य रूप किसने दिया

16वीं शताब्दी के अंत में गोस्वामी तुलसीदास के समय कनक भवन की स्थिति अच्‍छी थी। 19वीं शताब्दी तक इसकी स्थिति बिगड़ी। ओरछा की महारानी वृषभानु कुंवरि ने 1888 में इसे भव्य रूप दिया।

Image credits: Instagram