बांग्लादेश गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। महंगाई 13 साल में सबसे ज्यादा पहुंच गई है। जुलाई 2024 में फूड इंफ्लेशन 14% के पार चला गया है। आटा-चावल, दाल, सब्जियां सब महंगी हैं।
बांग्लादेश में आंदोलन से सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। महीनेभर ट्रक न चलने से सामानों की सप्लाई नहीं हो पाई। मांग काफी ज्यादा होने से खाने-पीने की चीजें महंगी हो गई हैं।
बांग्लादेश में कई ऑनलाइन पोर्टल पर फल, सब्जियां, किराना का सामान नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि स्टॉक आउट है। दुकानों पर सामान खरीदने के लिए काफी ज्यादा भीड़ है।
दो महीने पहले बांग्लादेश में प्याज 70 टका (50 रुपए) किलो थी, अब 120-150 रुपए में है। टमाटर, आलू, लहसुन के दाम भी बढ़ गए हैं। ANN की रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में दाम दोगुने हुए हैं।
सांख्यिकी ब्यूरो रिपोर्ट के अनुसार, शेख हसीना सरकार में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स 1.94% था, जो अब बढ़कर 11.66% पर पहुंच गया है। मतलब जरूरी सामानों की कीमतें काफी ज्यादा बढ़ी हैं।
बांग्लादेश बैंकों से दो लाख से ज्यादा पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं, इसलिए मार्केट में सन्नाटा है। कारोबार ठीक से नहीं चल रहा है। लोगों के पास पैसे नहीं तो खर्च नहीं कर पा रहे हैं।
कारोबारियों को कहना है कि आने वाले कुछ महीने तक दाम और बढ़ जाएंगे, क्योंकि भारत से प्याज नहीं जा पा रही है। सब्जियां बाजारों तक नहीं पहुंच रही, सब्जियां खेतों में सड़ रही हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ढाका-चटगांव प्रमुख मंडियों में आधे कारोबारी भी नहीं पहुंच रहे हैं। काम करने वालों में काफी संख्या अल्पसंख्यकों की है, लेकिन हिंसा के डर से बाजार नहीं जा रहे