टेक कंपनियों में आमतौर पर सैलरी ज्यादा होती है, लेकिन स्टार्टअप में फास्ट ट्रैक करियर ग्रोथ और अलग एक्सपिरिएंस मिलता है। अपनी लाइफस्टाइल-फाइनेंशियल गोल्स के अनुसार सही ऑप्शन चुनें।
टेक कंपनियां वर्क-लाइफ बैलेंस पर ध्यान देती हैं। स्टार्टअप्स में लंबे घंटे और ऑन-कल्चर होना कॉमन है।यह सोचें, क्या आप फ्लेक्सिबल टाइम या स्ट्रेस वर्क एनवायरनमेंट में कम्फर्टेबल हैं
बड़ी टेक कंपनियों में जॉब स्टेबिलिटी ज्यादा होती है। स्टार्टअप में कंपनी का फ्यूचर अनिश्चित हो सकता है, लेकिन अगर कंपनी सक्सेस हुई, तो करियर और पैसे दोनों में बड़ा फायदा हो सकता है
कंपनी की टीम और मैनेजमेंट मायने रखते हैं। स्टार्टअप में सीनियर के करीब काम करने का मौका मिलता है। टेक कंपनियों में टीम बड़ी और प्रोफेशनल होती है। टीम कल्चर, मैनेजमेंट स्टाइल जानें।
Big Tech में जॉब रोल क्लियर और स्पेसिफिक, जबकि स्टार्टअप में फ्लेक्सिबल और मल्टी-टास्किंग होता है। एक्सपर्ट्स कहते हैं यह देखें, आपको स्पेशलाइजेशन पसंद है या वाइड रेंज एक्सपीरियंस।
स्टार्टअप्स अक्सर स्टॉक ऑप्शन और इनसेंटिव्स देते हैं। दिग्गज टेक कंपनियों में सैलरी, बोनस, पेंशन और अच्छा पैकेज होता है।
कंपनी की कल्चर और वैल्यूज आपके काम और मानसिक संतुलन को प्रभावित करती हैं। स्टार्टअप में इनोवेशन और फास्ट-फेल कल्चर आम है। बिग टेक में फिक्स्ड प्रॉसेस और स्ट्रक्चर ज्यादा होता है।
दिग्गज टेक कंपनियों में स्ट्रक्चर्ड ट्रेनिंग और रिसोर्सेस होते हैं। स्टार्टअप में हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस ज्यादा मिलता है। तय करें, आपको ऑन-द-जॉब सीखना पसंद है या ट्रेनिंग प्रोग्राम।
बिग टेक अक्सर लोकेशन फिक्स्ड होती हैं, लेकिन रिमोट ऑप्शन देती हैं। स्टार्टअप्स में लोकेशन फ्लेक्सिबल हो सकता है।
सबसे जरूरी अपनी लॉन्ग-टर्म प्लानिंग देखें। बड़ी टेक कंपनियां आपको स्टेबल करियर दे सकती है। स्टार्टअप आपको फास्ट-ट्रैक स्किल और इनोवेशन एक्सपीरियंस दे सकता है।