एक रिपोर्ट में दावा है कि 8 देशों में कंपनियों में एट्रीशन रेट यानी मौजूदा कंपनी छोड़ दूसरी कंपनी में जाने का सिलसिला करीब 28% है यानी इतने कर्मचारी मौजूदा कंपनी छोड़ना चाहते हैं।
Boston Consulting Group (BCG) की ग्लोबल रिपोर्ट में जो खुलासा हुआ है, उसमें भारत भी शामिल है। यहां भी बड़ी संख्या में कर्मचारी अपनी मौजूदा कंपनी छोड़कर जाने का प्लान बना चुके हैं।
सर्वे में पता चला है कि ये 28 फीसदी एम्प्लॉइज 1 साल में खुद को मौजूदा संस्थान में नहीं देखते हैं। इसके पीछे सैलरी या पोजिशन नहीं वर्तमान स्थिति बताई जा रही है।
रिपोर्ट में पता चला कि सैलरी और पोजीशन नहीं बल्कि कंपनियां दूसरी इमोशनल जरूरतों को पूरा करने में विफल रही हैं। सर्वे में ज्यादातर लोगों का कहना है कि इस पर बात और चर्चा की जरूरत है
BCG का नया सर्वे 8 देशों के 11,000 एम्प्लॉइज के बीच हुआ। इसमें पूछे गए सवालों के जो जवाब मिले, उसके आधार पर पता चला कि आखिर कर्मचारी किन-किन कारणों से जॉब चेंज करना चाहते हैं।
BCG का नया एम्प्लॉइज सैटिसफैक्शन सर्वे भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, फ्रांस और जर्मनी की अलग-अलग कंपनियों के कर्मचारियों पर हुआ।
BCG ने सर्वे में 20 जरूरतों पर सवाल पूछे। इसमें सैलरी, काम के घंटें, फायदे, और इमोशनल जरूरतों पर बेस्ड क्वेश्चन पूछे गए। जैसे- कंपनी में मिल रही खुद को वैल्यू से खुश हैं या नहीं?
इस सर्वे में कर्मचारियों से पूछा गया कि क्या वे अपने काम को एंजॉय करते हैं? उन्हें कंपनी काम को लेकर या इमोशनल तौर पर कितना सपोर्ट मिलता है?
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, बीसीजी इंडिया की एमडी नीतू चिटकारा ने एंप्लॉयर्स यानी कंपनियों को तुरंत एंप्लाइज को बेसिक जरूरतों और इमोशनल फैक्टर्स पर ध्यान देने की सलाह दी है।