सोना पहनना और उसमें निवेश करना हर भारतीय को पसंद है। दुनिया में चीन के बाद गोल्ड की खपत में भारत का दूसरा नंबर आता है।
भारत के खदानों से हर साल एक टन सोना निकलता है लेकिन भारतीय एक साल में 800 टन सोना खरीद लेते हैं। 799 टन सोना बाहर से मंगाया जाता है।
पिछले 6 साल में ही भारत में सोने की खपत 666 टन से 799 टन तक पहुंच गई है। कोरोना महामारी के दौरान साल 2020 में 445 टन सोने की खपत हुई थी।
गोल्ड रिजर्व में अमेरिका दुनिया में नंबर वन है। अमेरिकी सरकार के खजाने में 8,133 टन सोना रखा है। वहीं, भारत के खजाने में 797 टन गोल्ड रिजर्व है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय घरों में 2019 में 25,000 टन से ज्यादा सोना था। जो अमेरिकी खजाने से करीब 3 गुना ज्यादा है।
हमारे देश में हर घर में सोना रखा रहता है। भारतीयों के पास जितना सोना है, उसकी कीमत 1 लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा है। इसमें 80% गहनें हैं।
भारतीयों के पास 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा सोना है। हर साल 800 टन सोने की खपत यहां होती है, जिसकी कीमत 36,60,67,10,26,639 खरब रुपए है।
भारतीय लोग अपनी बचत का 5% बैंकिंग स्कीम या दूसरी योजनाओं में और बाकी का पैसा गोल्ड में निवेश करते हैं। तमिलनाडु में निवेश का 28.3% सोने में लगाते हैं।
देश के मंदिरों में 2.5 हजार टन सोना है। केरल के पद्मनाभ स्वामी मंदिर में 1300 टन सोना, आंध्रप्रदेश तिरुपति मंदिर में 250-300 टन सोने का अनुमान है।
देश में 799 टन सोना आयात किया जाता है। ये गोल्ड स्विट्जरलैंड, यूएई और दक्षिण अफ्रीका से मंगाया जाता है।