व्रत में सिर्फ सेंधा नमक का इस्तेमाल होता है। ये नमक सिर्फ पाकिस्तान में होता है और वहीं से आता है। इसे रॉक साल्ट या हिमालयन साल्ट भी कहते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 50 के दशक में भारत-पाकिस्तान के बीच सेंधा नमक की हमेशा आपूर्ति को लेकर समझौता हुआ था। इसलिए इसे रोका नहीं जाता है।
पाक से भारत आने वाली व्यापार की हर वस्तु पर 200% का शुल्क लगता है। सेंधा नमक 2 रुपए किलो में आता है और 200 फीसदी का इसपर भी ड्यूटी लगता है।
पाक के पश्चिमोत्तर पंजाब में नमक कोह नाम की पहाड़ी है। यहीं से नमक मिलता है। पहाड़ियों की श्रृंखला में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी 'खेवड़ा नमक खान' है।
खेवड़ा नमक खान से हर साल करीब 4.65 लाख टन नमक निकलता है। ये खान इतनी बड़ी है कि आने वाले 500 सालों तक नमक की सप्लाई कर सकती है।
इस खान में 40 KM लंबा टनल है। सुरंग बनाकर नमक निकाला जाता है। 50% नमक निकाला और इतना ही छोड़ा जाता है ताकि पथरीली दीवारों को सपोर्ट बना रहे।
इतिहास के मुताबिक, खेवड़ा नमक खान की खोज सिकंदर के काल में तब हुई जब खेवड़ा इलाके पर हमला हुआ। घोड़ों के दीवारों के चाटने से नमक का पता चला था।
हिमाचल प्रदेश और राजस्थान की सांभर झील में भी सेंधा नमक मिलता है लेकिन काफी कम मात्रा में। इसकी क्वालिटी पाकिस्तान के सेंधा नमक से हल्की है।
सिंध या सिंधु इलाके से आने के कारण सेंधा नमक सैंधव नमक कहलाता है। लाहौर से आने के चलते इसे लाहौरी नमक कहते हैं।