नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा का नूंह देश का सबसे पिछड़ा जिला है। 2011 के मुताबिक, यहां की आबादी करीब 11 लाख है।
तेलंगाना राज्य का आसिफाबाद जिला देश का दूसरा सबसे पिछड़ा जिला है। 2011 के मुताबिक, यहां की आबादी 5 लाख से ज्यादा है।
मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला देश का तीसरा सबसे पिछड़ा जिला है। 2011 के अनुसार यहां की आबादी 12 लाख से ज्यादा है।
नगालैंड राज्य का किफिर जिला देश का चौथा सबसे पिछड़ा जिला है। 2011 के मुताबिक, इस जिले की आबादी 75 हजार से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश राज्य का श्रावस्ती जिला देश का पांचवा सबसे पिछड़ा जिला है। 2011 के मुताबिक, इस जिले की आबादी 11 लाख से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला देश का छठा सबसे पिछड़ा जिला है। 2013 के मुताबिक, इस जिले की अनुमानित आबादी 34 लाख से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश का सिद्धार्थ नगर जिला देश का सातवां सबसे पिछड़ा जिला है। 2023 के मुताबिक, इस जिले की अनुमानित आबादी 25 लाख से ज्यादा है।
उत्तर प्रदेश का बलरामपुर जिला देश का आठवां सबसे पिछड़ा जिला है। 2011 के मुताबिक, इस जिले की आबादी 20 लाख से ज्यादा है।
अरुणाचल प्रदेश का नामसई जिला देश का नौवां सबसे पिछड़ा जिला है। 2023 के मुताबिक, इस जिले अनुमानित जनसंख्या 20 हजार से ज्यादा है।
छत्तीसगढ़ का सुकमा जिला देश का दसवां सबसे पिछड़ा जिला है। 2011 के मुताबिक, इस जिले की जनसंख्या 2.5 लाख से ज्यादा है।