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कार इंश्योरेंस क्लेम करते समय कहीं आप भी तो नहीं कर रहें 5 गलतियां

Image credits: freepik

1. क्‍लेम में देरी

कार इंश्‍योरेंस क्‍लेम में देरी नहीं करनी चाहिए। ज्‍यादातर पॉलिसी में स्पष्ट होता है कि हादसे के बाद तुरंत क्‍लेम जरूरी है। तय समय से ज्‍यादा टाइम लगाने से क्लेम रिजेक्ट हो सकता है

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सही टाइम पर क्लेम करने का फायदा

अगर कार इंश्योरेंस का क्लेम सही समय पर करते हैं तो पैसा टाइम से आ जाता है और प्रॉसेस भी जल्दी ही पूरी हो जाती है।

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2. गलत जानकारी

कई क्लेम सिर्फ इसलिए रिजेक्ट हो जाते हैं कि उसमें गलत या आधी-अधूरी जानकारी भरी होती है। एक्सीडेंट की सही जानकारी, नुकसान और बीमा होल्डर की पर्सनल डिटेल्स सही होनी चाहिए।

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क्या करना चाहिए

कार इंश्योरेंस का क्लेम करते समय पूरी तरह एक्यूरेसी रखें। इससे क्लेम मंजूर होने की संभावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है, दिक्कत भी नहीं आती है।

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3. नशे में हादसे का क्लेम

बीमा कंपनियां अपनी पॉलिसी में साफ जिक्र करती हैं कि शराब या किसी नशे में गाड़ी चलाने पर अगर हादसा होता है तो उसका क्लेम नहीं मिलेगा। नशे में गाड़ी चलाने पर जुर्माना भी लग सकता है

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4. गाड़ी का मॉडिफिकेशन

आजकल ज्यादातर लोग अपनी कार का मॉडिफिकेशन करवाकर उसे स्टाइलिश लुक देते हैं। बीमा कंपनियां कहती हैं कि बिना इसकी सूचना के क्लेम रिजेक्ट हो सकता है।

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मॉडिफिकेशन में क्या परेशानी

बीमा कंपनियों का मानना है कि कार कंपनी अपनी तरफ से स्‍टैंडर्ड वाहन बनाती है, ऐसे में मॉडिफिकेशन खतरा पैदा कर सकता है, जो हादसे का कारण भी बन सकता है।

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गाड़ी का गलत इस्तेमाल

कई कार इंश्योरेंस क्लेम सिर्फ इसलिए रिजेक्ट हो जाते हैं, क्योंकि गाड़ी का गलत इस्तेमाल होता है, जैसे पर्सनल कार का इस्तेमाल कॉमर्शियल में यूज करना, इससे क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा।

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