आईटीआर फाइल करने के लिए लास्ट डेट का इंतजार न करें। टाइम से अपना फॉर्म दाखिल करें। वरना देर होने पर जुर्माना हो सकता है।
आईटीआर फॉर्म फाइल करते वक्त अपनी सभी डिटेल्स सही तरह भरें। PAN, एड्रेस और बैंक अकाउंट जैसी डिटेल्स फॉर्म में सही-सही ही भरें।
अपनी इनकम सोर्सेज और इनकम के तरीकों के आधार पर ही आईटीआर फॉर्म चुनें। गलत फॉर्म पर जुर्माना भी लग सकता है।
ITR फॉर्म में सैलरी, ब्याज से इनकम, रेंट की इनकम, कैपिटल गेन जैसे सभी उन सभी सोर्सेज को दिखाएं, जहां से आप पैसा कमाते हैं। सही जानकारी न देने पर जुर्माना लग सकता है।
अपनी कंपनी या डिडक्टर की ओर से जारी किए गए फॉर्म 16/16 ए से टीडीएस डिटेल्स को आईटीआर में जरूर भरें। इसकी सही जानकारी न देने पर नोटिस मिल सकता है, जुर्माना लग सकता है।
आयकर कानून की धारा 80C, 80D, 80G के तहत एलिजिबल टैक्स बेनिफिट्स का दावा करते समय सभी इनवेस्टमेंट, खर्चों और कटौतियों की सही-सही जानकारी ही भरें।
एफडी, सेविंग्स अकाउंट्स या बाकी सोर्सेज से मिलने वाली ब्याज की आईटीआर फॉर्म में सही डानकारी दें, वरना जुर्माना लग सकता है।
अपने आईटीआर फॉर्म में स्टेटमेंट को फॉर्म 26 एएस के साथ क्रॉस-चेक जरूर करें। टीडीएस, टैक्स भुगतान और अन्य इनकम टैक्स डिटेल्स होती है।
ITR ऑनलाइन फाइल करने के बाद आधार ओटीपी, नेट-बैंकिंग से तय समय में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को अपना साइन वाली एक फिजिकल कॉपी भेजकर वैरिफाई न करने से फॉर्म अमान्य हो जाता है।
अपनी इनकम, निवेश और टैक्स कटौतियों से जुड़े सभी डाक्यूमेंट्स, रसीद और जरूरी रिकॉर्ड्स संभालकर रखें। ताकि वैरिफिकेशन के लिए कभी जरूरत पड़ने पर काम आ जाए।