महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले 0.05%–0.10% तक कम ब्याज दर पर लोन मिलता है। जैसे अगर पुरुष को 9% ब्याज दर पर लोन मिलता है, तो महिला को वही लोन 8.9% पर मिल सकता है।
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कितनी हो सकती है बचत
अगर इस हिसाब से देखा जाए तो पत्नी या घर की किसी महिला के नाम कार लेने से 5 साल में 8,000-15,000 रुपए तक की बचत आसानी से की जा सकती है।
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प्रोसेसिंग फीस और डाउन पेमेंट में राहत
महिलाओं के लिए प्रोसेसिंग फीस पर 25%-50% तक छूट मिलती है। कई बैंक और NBFC ऑन-रोड प्राइस का 90% तक लोन देते हैं। मतलब डाउन पेमेंट कम और कार जल्दी घर आ सकती है।
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टैक्स में भी फायदा मिल सकता है
अगर पत्नी वर्किंग हैं और कार उनके नाम पर है, तो ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है। इससे सालाना 10,000-25,000 रुपए तक टैक्स सेविंग हो सकती है। यह तभी होता है जब कार बिजनेस-ऑफिस यूज में हो
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कार लोने के लिए कौन कर सकता है आवेदन?
ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 21-65 साल है, सैलरीड या सेल्फ-एम्प्लॉयड महिला CIBIL स्कोर 750+ और कार महिला के नाम पर रजिस्टर्ड हो।
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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
एक्सपर्ट्स के अनुसार, बीवी या घर की किसी महिला के नाम कार लेना सिर्फ इमोशनल नहीं,फाइनेंशियल समझदारी भी है। इससे कम ब्याज, कम EMI और टैक्स में बचत सब कुछ एक साथ मिल सकता है।
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डिस्क्लेमर
यह आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है। कार लोन या टैक्स लाभ से जुड़ा हर निर्णय लेने से पहले अपने बैंक, वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें। ब्याज दरें और ऑफर समय-समय पर बदल सकते हैं।