ग्लोबल इकोनॉमी में खासा दबदबा रखने वाले चीन के दिन लगता है अब लद चुके हैं। पिछले दो-तीन साल से चीन की इकोनॉमी ढलान पर है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के मार्केट कैपिटलाइजेशन से करीब 7 ट्रिलियन डॉलर की रकम खत्म हो चुकी है। इस गिरावट के चलते चीन का मार्केट रेगुलेटर पर काफी चिंतित है।
IMF ने 2024-25 में चीन की विकास दर के अनुमान को भी घटा दिया है। 2023-24 की 5.2% के मुकाबले अगले वित्त वर्ष में ड्रैगन की ग्रोथ रेट 4.6% रहने का अनुमान है।
IMF के अनुमान के बाद से चीन के शेयर बाजार में कोहराम मचा हुआ है। इस हफ्ते चीन का स्टॉक मार्केट शंघाई कम्पोजिट 6.2% गिर चुका है। अक्टूबर, 2018 के बाद ये सबसे बड़ी वीकली गिरावट है।
चीन की अर्थव्यवस्था के लिए ये हफ्ता बेहद बुरा साबित हो रहा है। हफ्ते की शुरुआत में ही चीन की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी डेवलपर कंपनी Evergrande के बिकने की नौबत आ गई।
इसके अलावा चीन की दूसरी सबसे बड़ी प्रॉपर्टी डेवलपमेंट कंपनी Country Garden डिफॉल्टर हो चुकी है। ऐसे में अब चीन में रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी मार्केट काफी दिक्कत में है।
माना जा रहा है कि इन रियल एस्टेट कंपनियों को कर्ज देने वाले बैंकों का पैसा भी फंस सकता है, जिससे उनके भी डिफॉल्टर होने की आशंका बढ़ गई है।
चीन में प्रॉपर्टी की मांग घटने से बिल्डर्स अब इन्हें औने-पौने दाम में बेचने को तैयार हैं। हालांकि, बावजूद इसके अब भी ग्राहक खरीदने को तैयार नहीं हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के 70 से ज्यादा शहरों में प्रॉपर्टी के दाम अर्श से फर्श पर आ चुके हैं। चीन के 4 बड़े शहरों में ही प्रॉपर्टी की कीमतें 14% से ज्यादा गिर चुकी हैं।