दिल्ली के सीएम केजरीवाल को शराब घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार किया है। दिल्ली में शराब का कारोबार बहुत बड़ा है। इससे सरकार की करोड़ों की कमाई होती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में शराब की 584 दुकानें हैं। इनमें ज्यादातर दिल्ली सरकार के 4 PSU चलाते हैं। आबकारी विभाग के अनुसार, 117 थोक विक्रेताओं से 1 हजार ब्रांड रजिस्टर्ड हैं।
स्टेट इंडस्ट्रियल एंड इंफ़्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, टूरिज्म एंड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, स्टेट सिविल सप्लाइज़ कॉरपोरेशन लिमिटेड,कंज्यूमर को-ऑपरेटिव होलसेल स्टोरी
आबकारी विभाग के अनुसार, दिसंबर 2022 में शराब की बोतलों की बिक्री 4 सालों में सबसे ज़्यादा रही। दिसंबर में रोजाना औसतन 13.77 लाख शराब की बोतलें बिकी हैं।
दिल्ली सरकार को शराब के कारोबार से हर दिन औसतन 19 करोड़ से ज़्यादा की रेवेन्यू मिलती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 62 करोड़ से ज्यादा शराब की बोतलें बेचकर ही 6,821 करोड़ की कमाई की।
साल 2023 में दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री से 6,100 करोड़ रुपए की कमाई की। इसमें शराब की बोतलों पर एक्साइज ड्यूटी से 5,000 करोड़ और वैल्यू ऐडेड टैक्स से 1,100 करोड़ रुपए शामिल हैं
दिल्ली में कुल 960 होटलों, रेस्तरां और क्लबों में शराब की बिक्री से सरकार को कितना राजस्व मिला, इसका अभी तक डाटा रिकॉर्ड नहीं किया गया है।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नई शराब नीति लागू की। शहर को 32 जोन में बांटकर हर जोन में 27 दुकानें खोलने की बात हुई। इसमें पूरी दिल्ली में 849 शराब दुकानें खोलने का प्लान था।
नई नीति में सभी सरकारी ठेके बंद कर शराब दुकानों को प्राइवेट कर दिया गया। जबकि पहले 60% शराब दुकानें सरकारी, 40% प्राइवेट थीं। दिल्ली सरकार ने इससे 3,500 करोड़ के फायदे का तर्क दिया