शाहिद कपूर की वेब सीरीज 'फर्जी' देखकर नकली नोट छापने वाले 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 19 लाख रुपए से ज्यााद मूल्य की फेक करेंसी जब्त की गई है।
स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव बताया कि सूचना मिली थी कि नकली नोट लेकर दो लोग अक्षरधाम मंदिर के पास आएंगे। यहीं से उनकी गिरफ्तारी की गई।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड 25 साल का सकूर मोहम्मद है। उसका सहयोगी 28 साल का लोकेश यादव है। उनके पास से 500 के 6 लाख मूल्य के फेक नोट मिले।
पुलिस ने बताया, फेक नोट छापने का धंधा अजमेर के एक किराए के घर से चल रहा। हिमांशु जैन (47), शिव लाल (30) और संजय गोदारा (22) से नकली नोट दोनों को मिले थे।
आरोपी सकूर मोहम्मद एक चित्रकार है, वह कॉम्पिटिशन एग्जाम की तैयारी करने 2015 में अजमेर गया था। कर्ज में डूबने के बाद 'फर्जी' देख शिव लाल के साथ नकली नोट छापने लगा।
असली नोट में गांधीजी की फोटो वॉटरमार्क होती है। वॉटरमार्क हैवी ऑयल या ग्रीस से बनाते हैं। जिससे वॉटरमार्क नॉर्मल से ज्यादा मोटा होता है। किसी से नोट लेते समय वॉटरमार्क देखें।
नकली नोट की पहचान करने 'भारतीय रिजर्व बैंक' शब्दों की टाइपोग्राफी को चेक करें। नकली नोट पर शब्द मोटे होते हैं और असली पर काफी स्मूद नजर आते हैं।
भारतीय करेंसी में जो नंबर होते हैं वही फेक करेंसी को पहचानने में मदद करते हैं। इन नंबर्स की फॉर्मेंटिंग खराब नजर आती है। इनके बीच अजीब गैप होता है। ये छोटे-बड़े तरह से दिखते हैं।
फेक नोट की छपाई खराब होती है। मज्ड इंक या ब्रोकन लाइन दिखती है। नकली नोट के बीच में एक लाइन नजर आती है, जिसे सिक्योरिटी थ्रेड कहते हैं। नकली नोट में ये थ्रेड प्रिंटेड दिखाई देगा।