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अगर आपने शताब्दी, राजधानी, दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेन का टिकट लिया है और वो लेट है तो आपको रेलवे स्टेशन पर ही कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं।
यात्री को आराम के लिए रिटायरिंग रूम दिया जाता है। ये फुली AC होता है। इसके अलावा साफ-सुथरे टॉयलेट, बाथरूम की सुविधा भी मिलती है।
ट्रेन में सफर के दौरान अगर यात्री की तबीयत बिगड़ जाती है तो रेलवे फर्स्ट एड बॉक्स, दवाइयों और डॉक्टर भी उपलब्ध कराता है। इसके लिए यात्री चाहें तो 139 पर कॉल कर हेल्प ले सकते हैं।
इमरजेंसी के दौरान यात्रियों की मदद के लिए ‘रेल मदद ऐप’ भी है। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप की मदद से यात्री मेडिकल सुविधा ले सकते हैं।
इसके अलावा ‘रेल मदद ऐप’ के जरिये रेलवे संबंधी कोई भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। इसमें ट्रेन लेट होना, सिक्योरिटी न मिलना, कोच में सफाई की कमी, स्टाफ का बर्ताव आदि शामिल है।
यात्रियों को टिकट खरीदते समय इंश्योरेंस का ऑप्शन भी मिलता है। एक्सीडेंट में अगर किसी यात्री की मौत हो जाती है या वो स्थायी रूप से विकलांग होता है तो उसे 10 लाख का मुआवजा मिलता है।
अगर यात्री विकलांग हो जाता है तो 7.5 लाख रुपए मिलते हैं। वहीं गंभीर रूप से घायल होने पर 2 लाख और मामूली रूप से घायल होने पर यात्रियों को रेलवे की ओर से 10 हजार रुपए मिलते हैं।
बता दें कि रेल दुर्घटना के 4 महीने के भीतर पैसेंजर अपना इंश्योरेंस क्लेम कर सकता है।