क्रेडिट स्कोर अच्छा रहने वाल कोई भी बैंक बड़ी ही आसानी से आपको पर्सनल लोन दे देता है, जिससे ब्याज ज्यादा होने के बावजूद यह पसंदीदा ऑप्शन बना हुआ है।
पर्सनल लोन को किसी दूसरे को ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है क्योंकि यह एक एग्रीमेंट होता है, जो बैंक और लोन लेने वाले के बीच होता है। इस वजह से यह नॉन-ट्रांसफरेबल होता है।
इसका दूसरा कारण यह है कि बैंक जिस शख्स को पर्सनल लोन देते हैं, उनका क्रेडिट स्कोर, इनकम और बाकी डॉक्यूमेंट्स चेक करते हैं, जिसके आधार पर पर्सनल लोन दिया जाता है।
कुछ बैंकों और NBFC कंपनियां पर्सनल लोन ट्रांसफर करने का ऑफर देती हैं। इसे Loan Assuption कहते हैं। ऐसा तभी होता है जब लोन लेने वाला व्यक्ति उसे चुका नहीं पाता है।
अगर किसी वजह से आप अपना पर्सनल लोन मैनेज नहीं कर पा रहे हैं तो अपने सभी लोन को एक ही जगह ट्रांसफर करा सकते हैं। इससे आपको लोन को चुकाने में काफी आसानी हो सकती है।
अगर आप पर्सनल लोन की ईएमआई सही समय पर नहीं जमा कर पा रहे हैं तो जिस बैंक से लोन लिया है, उसके बैंक मैनेजर से बात कर ईएमआई कम करने की रिक्वेस्ट कर सकते हैं।
अगर मौजूदा समय में आप किसी लोन की ईएमआई जमा कर रहे हैं तो इस बीच कोई भी नया पर्सनल लोन लेने से बचना चाहिए। इससे मुश्किलें और ईएमआई का बोझ बढ़ सकता है।