बैंक स्टेटमेंट न चेक करना फाइनेंशियल हेल्थ के लिए बिल्कुल सही नहीं है। इससे बैंक अकाउंट को ज्यादा सिक्योर और एफिशिएंट बनाया जा सकता है। इसलिए इसे नजरअंदाज करने से बचना चाहिए।
बैंक अकाउंट में हर छोटे-बड़े ट्रांजैक्शन की डिटेल्स रखने में मदद मिलती है। इससे ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड तो पता चलता ही है, फाइनेंशियल प्लानिंग बनाने में भी मदद मिलती है।
बैंक स्टेटमेंट चेक करते रहने पर ये पता चलता है कि बैंक आपके अकाउंट से कब, कितना और किस तरह का चार्ज ले रहे हैं। इससे अकाउंट में लेनदेन का हिसाब मिलता रहता है।
जब भी खूब खर्च कर देते हैं या जरूरत के चलते अचानक से ज्यादा खर्च हो जाते हैं तो हिसाब नहीं रह पाता कि कितना पैसा खर्च हुआ है। ऐसे में बैंक स्टेटमेंट खर्चों की पूरी जानकारी बताता है
बैंक स्टेटमेंट से पता चलता है कि पिछले दिनों कब, कहां कितना खर्च हुआ। इससे बजट बनाने और सेविंग्स में मदद मिल जाती है।
आपके अकाउंट में कितना पैसा है, इस बात की जानकारी होने से निवेश की प्लानिंग करने में मदद मिलती है। अगर अकाउंट में सरप्लस मनी है, तो इसका बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।
रेगुलर बैंक स्टेटमेंट चेक करने से एक और फायदा ये होता है कि किसी भी तरह के अनजान ट्रांजैक्शन का पता चल जाता है। जिससे वक्त रहते एक्शन ले सकते हैं।