दुनिया की GDP में जी20 देशों की हिस्सेदारी 85 फीसदी है। इन देशों में दुनिया का कुल 85 फीसदी प्रोडक्शन होता है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार में ग्रुप की हिस्सेदारी 75% है।
G20 की अध्यक्षता करने से भारत को समूह के सदस्य देशों के साथ व्यापार संबंधों को और भी ज्यादा मजबूत करने में मदद मिलेगी। ग्लोबल इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए यह अहम होगा।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जी20 के देशों से भारतीय इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अच्छा-खासा निवेश आ रहा है। इसमें बढ़ोतरी की उम्मीद है। भारत के बाद दुनिया के मंच पर बड़ा मौका है।
जी 20 समिट के जरिए सदस्य देशों से क्षमता निर्माण, फंडिंग गैप कम करने, रोजगार बढ़ने, सतत विकास और समावेशी ईकोसिस्टम में ग्रोथ की उम्मीद है।
जी20 समिट दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती इकोनॉमी भारत में अधिक निवेश आकर्षित करने का मौका दे सतका है। MSME सेक्टर को मजबूती मिल सकती है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मेडिकल डिवाइस हेल्थ केयर सर्विसेज के लिए जी20 महत्वपूर्ण है। इससे सदस्य देशों के साथ कई समझौते होने से अंतरराष्ट्रीय नियम सरल होंगे।
जी20 में शक्तिशाली देशों के साथ उन 9 देशों को आमंत्रित किया गया है, जो इस समूह का हिस्सा नहीं हैं। इससे भारत इन्हें जी20 एजेंडे में जगह दिला ग्लोबल लीडर बन सकता है।