सालों से लाखों भारतीय कनाडा में रहते आ रहे हैं। लगातार यह संख्या बढ़ रही है। कनाडा दुनिया के उन देशों में शामिल है, जहां भारतीय सबसे ज्यादा रहना पसंद करते हैं।
कई दशक पहले से ही सिख कनाडा में रहने लगे थे। हर साल उनकी संख्या बढ़ रही है। आंकड़ों के मुताबिक, 8 लाख से भी ज्यादा सिख कनाडा में आज के समय में रहते हैं।
कनाडा में रहने वाले ज्यादातर सिखों के पास वहां की नागरिकता है। भारत के पंजाब से सबसे ज्यादा सिख कनाडा जाते हैं। वहां नौकरी और बिजनेस करते हैं।
साल 1897 में भारतीय ब्रिटिश सैनिकों की एक टुकड़ी लंदन पहुंची। जिसमें कुछ सिख सिपाही भी थे। उनमें से कुछ वहीं बस गए। तभी से कनाडा में भारतीयों के बसने का सिलसिला शुरू हुआ।
जब बड़ी संख्या में भारतीय कनाडा में बसने लगे तो अंग्रेजों को ये बात हजम नहीं हुई और उन्होंने भारतीयों की बढ़ती संख्या को देख उसका विरोध शुरू कर दिया। नस्ली हमले-टिप्पणियां हुईं।
1914 में एक वक्त ऐसा भी आया जब भारतीय नागरिकों को कनाडा से जबरन भेजा जाने लगा। समुद्री जहाज में बड़ी संख्या में हिंदू, मुस्लिम और सिखों को कोलकाता के बजबज घाट पर लौटना पड़ा।
1914 में जब समुद्री जहाज को कनाडा में नहीं घुसने दिया, तब 19 भारतीयों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद नियमों में बदलाव हुआ और सिखों के लिए कनाडा के दरवाजे खोले गए।