धनतेरस पर आप सोने का सिक्का खरीद रहे हैं तो इसे ऐसे ज्वैलर से ही खरीदें जिस पर आप भरोसा करते हैं, क्योंकि 24 कैरेट गोल्ड क्वॉइन पर बुलियन और बार की हॉलमार्किंग अनिवार्य नहीं है।
सिर्फ गोल्ड ज्वैलरी के लिए ही हॉलमार्किंग मेंडेटरी है। ऐसे में सोने का सिक्का अपने भरोसेमंद ज्वैलर से ही खरीदें, वरना आपको नकली या मिलावटी सामान भी मिल सकता है।
सोने के सिक्कों की हॉलमार्किंग नहीं होती इसलिए उनकी प्योरिटी चेक करने का कोई तरीका नहीं है। इसलिए जरूरी है कि भरोसेमंद जूलर से ही सोने के सिक्के खरीदें।
लोग अक्सर GST से बचने के लिए सोने की खरीद का पक्का बिल नहीं लेते हैं। ये बहुत गलत है। आप ज्वैलर से प्रॉपर बिल लीजिए। कुछ पैसे बचाने के चक्कर में ब्लैक मनी उसके खाते में जाएगी।
इसके अलावा अगर आपने बिल नहीं लिया और कभी खरीदी हुई चीज बदलने जाएंगे तो ज्वैलर इसे एक्सचेंज करने में आनाकानी करेगा।
सोने का सिक्का सीलबंद पैकेजिंग में आता है। अगर इसमें कोई छेड़छाड़ दिखती है तो आप सतर्क हो जाएं और उस सिक्के को खरीदने से बचें। यहां आपके साथ धोखा हो सकता है।
सिर्फ हॉलमार्क वाली ज्वैलरी ही खरीदें। जिस ज्वैलरी पर हॉलमार्क होता है, उसकी शुद्धता की गारंटी है। अगर आप हॉलमार्क वाली ज्वैलरी खरीदते हैं तो ये तय है कि आपका सोना शुद्ध है।
ज्वैलर से मेकिंग चार्ज को लेकर मोलभाव जरूर करें। ऐसा इसलिए क्योंकि अधिकतर ज्वैलर मोलभाव करने के बाद कीमत कम कर देते हैं।
ज्वैलरी कॉस्ट में करीब 30% तक हिस्सा तो सिर्फ मेकिंग चार्ज ही होता है, जिसका फायदा सीधे ज्वैलर्स को मिलता है। मेकिंग चार्ज पर मोलभाव कर आप कीमत कम करा सकते हैं।
सोना खरीदते समय ध्यान से गोल्ड का वजन जरूर चेक करें। अगर वजन में थोड़ा सा भी हेरफेर हो जाता है तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है।