फिजिकल गोल्ड में निवेश का मतलब ज्वेलरी या सोने के बिस्किट-सिक्के, ईंट खरीदना। हालांकि, ज्यादातर एक्सपर्ट्स मेकिंग चार्ज की वजह से बिस्किट-सिक्के खरीदना ज्यादा अच्छा मानते हैं।
गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स यानी गोल्ड ईटीएफ (ETF) में सोना शेयर की तरह खरीद सकते हैं। यह एक म्यूचुअल फंड स्कीम है। इसमें सोना स्टॉक एक्सचेंज से खरीद और बेच सकते हैं।
यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्प में से एक है। गोल्ड ETF की 1 यूनिट एक ग्राम सोने के बराबर होती है। इसमें अपर लिमिट और लॉक इन पीरियड नहीं है। इसमें निवेश पूरी तरह सेफ होता है
गोल्ड ETF पर निवेश में 3 साल होल्डिंग पीरियड के बाद अगर इसे बेचते हैं तो इंडेक्सेशन बेनीफिट के साथ 20% LTCG टैक्स लगता है। इससे पहले बेचने पर एप्लीकेबल स्लैब रेट से टैक्स लगता है।
SGB, RBI के जरिए भारत सरकार जारी करती है। इसमें स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेड होते हैं। एक ग्राम सोना भी खरीद सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड सरकारी बांड है, इसे डीमैट में चेंज करवा सकते हैं।
SGB की वैल्यू रुपए में नहीं सोने के वजन में होता है। बांड 5 ग्राम सोने का है, तो कीमत 5 ग्राम सोने जितनी ही होगी। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर सालाना 2.50% ब्याज मिलता है
अपने स्मार्टफोन से डिजिटल गोल्ड भी खरीद सकते हैं। अपने हिसाब से जितनी कीमत का चाहें, सोना ले सकते हैं। यहां सिर्फ 1 रुपए में सोना खरीद सकते हैं। कई प्लेटफॉर्म और ऐप पर ये सुविधा है
डिजिटल गोल्ड में निवेश के कई फायदे हैं। इसमें निवेश शुद्ध सोने में होता है। ज्वेलरी मेकिंग चार्ज नहीं लगता है। यह पूरी तरह सेफ होता है और इसे कभी भी फिजकल गोल्ड में बदलवा सकते हैं।