इस योजना की शुरुआत 24 फरवरी, 2019 को हुई थी। इसका मकसद किसानों को प्रत्यक्ष तौर पर आर्थिक मदद देना है। इसमें सालाना 2-2 हजार की 3 किस्तों में 6,000 रु. की आर्थिक मदद दी जाती है।
इसकी शुरुआत 12 सितंबर, 2019 को हुई थी। योजना का मकसद किसानों को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। इसमें लघु-सीमांत किसानों के भविष्य के लिए पेंशन योजना शुरू की गई है।
18-40 साल तक वाले किसान योजना में आते हैं। उम्र के हिसाब से 55 से लेकर 200 रु. का बीमा प्रीमियम लिया जाता है। बदले में 60 साल उम्र होने पर हर महीने 3000 रु. बतौर पेंशन दिए जाते हैं
इस योजना की शुरुआत 2016 में हुई थी। इस योजना के तहत प्राकृतिक आपदा के चलते फसल को होने वाले नुकसान के एवज में किसान को सरकार आर्थिक मदद करती है।
इस बीमा योजना में फसल बोआई से लेकर कटाई तक के रिस्क को कवर किया जाता है। रबी और खरीफ सीजन पर फसलों का बीमा कराया जाता है।
केंद्र सरकार सस्ती ब्याज दर पर किसानों को कृषि के लिए लोन मुहैया कराती है। इसमें किसान को 3 लाख तक का एग्रीकल्चर लोन दिया जाता है। इस पर 7% सालाना ब्याज दर से ब्याज दिया जाता है।
इस योजना के तहत अगर कोई किसान समय पर लोन को चुका देता है तो उसे ब्याज में 3 प्रतिशत तक की छूट मिलती है। इस तरह किसान को 4% ब्याज दर पर 3 लाख रु. तक का लोन मिल जाता है।
फसल कटाई बाद उसके सुरक्षित भंडारण के लिए इस फंड से आर्थिक मदद दी जाती है। इसमें कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग यूनिट, वेयरहाउस, पैकेजिंग यूनिट बनाने किसानों को 2 करोड़ तक लोन मिलता है
इन योजनाओं के अलावा भी कई योजनाएं केंद्र सरकार ने किसान कल्याण के लिए चलाती है। इनमें पशुधन योजना, मत्स्य पालन योजना, दुग्ध उत्पादन योजना, किसान उत्पादक संगठन जैसे कई शामिल हैं।