पीएमजेएवाई के तहत जन औषधि केंद्र खोलकर मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के साथ बेरोजगारी भी दूर कर सकते हैं।
केंद्र सरकर देश भर में जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर बेरोजगारी दूर करने के लिए युवाओं को बेहतर विकल्प दे रही हैष
मोदी सरकार ने वर्ष 2024 तक देश भर में 10 हजार जन औषधि केंद्र खोले जाने का लक्ष्य रखा है। इससे गरीबों को सस्ते में दवाएं मिल सकेंगी।
जन औषधि केंद्र खोलने के दौरान शुरुआत में सरकार की ओर से स्टोर पर 50 हजार रुपये तक की दवाएं मुफ्त में दी जाएंगी।
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर, रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर खोल सकते हैं। कोई ट्र्स्ट, एनजीओ, निजी हॉस्पिटल समेत राज्य सरकार की नामित एजेंसियां भी शामिल।
जन औषधि केंद्र खोलने के लिए आपके पास डी फार्मा या फिर बी फार्मा की डिग्री होना बेहद जरूरी है।
केंद्र खोलने के लिए पहले रिटेल ड्रग लाइसेंस लेना होगा। फिर ऑफिशियल वेबसाइट janaushadhi.gov.in से फॉर्म भरकर अप्लाई करना होगा।
जनऔषधि केंद्र पर दवाओं की बिक्री पर 20 फीसदी प्रॉफिट सरकार देती है। इसके अलावा हर महीने बिक्री पर 15 फीसदी अतिरिक्त इंसेंटिव मिलता है।