ऐसा टैक्स जो संपत्ति पर तो लगता है लेकिन संपत्ति कर नहीं है। यह वह टैक्स हो जो किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके उत्तराधिकारियों को मिलती है। विरासत पाने वाले पर यह टैक्स लगता है।
जापान- 55%, जर्मनी में 50%, साउथ कोरिया- 50%, फ्रांस- 45%, ब्रिटेन यानी यूके- 40%, अमेरिका (US)- 40%, स्पेन में 34 प्रतिशत और आयरलैंड में 33 परसेंट विरासत टैक्स लगता है।
सरकार विकासत टैक्स रेवेन्यू बढ़ाने के मकसद से लगाती है। सरकार इस पैसे से विकास कार्य करवाती है। इससे देश ग्रोथ कर सकेगा। सरकार का दूसरा मकसद ज्यादा पूंजी को समाज में बांटना है।
कई देशों की सरकारें चाहती हैं कि सारा पैसा कुछ लोगों के पास न रह जाए। इसे वेल्थ री-डिस्ट्रिब्यूशन (Wealth Redistribution) कहते हैं। इसे समाज में बांट समानता लाने का प्रयास होता है।
भारत में 1948 से लेकर 1952 तक भूदान आंदोलन चलाया गया था। विनोबा भावे की अगुवाई में शुरू हुए इस आंदोलन में बहुत से लोगों ने स्वेच्छा से अपनी जमीनें दान कर दी थी।
भारत में पहले विरासत टैक्स लगता था लेकिन 1985 में राजीव गांधी की सरकार के समय इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया गया था। जिसके बाद से विरासत कर नहीं लगता है।
1985 में तत्कालीन वित्त मंत्री वीपी सिंह का कहना था कि विरासत टैक्स समाज में संतुलन लाने और धन के अंतर को कम करने में विफल रहा है। इसलिए इसे हटाया जा रहा है।