Aditya L1 भारत का पहला सौर मिशन है। इसे 2 सितंबर की सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया जाएगा।
Aditya L1 मिशन का मकसद सूरज की सबसे बाहरी परत का ऑब्जर्वेशन करना है। Aditya L1 पृथ्वी से 15 लाख KM दूर लैंगरेज प्वाइंट तक जाएगा।
लैंगरेज प्वाइंट अंतरिक्ष में स्थित वो जगह है, जहां सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण लगभग बराबर हो जाता है। ऐसे में Aditya L1 इसी प्वाइंट पर जाएगा।
Aditya L1 मिशन में L का मतलब लैंगरेज प्वाइंट से है। इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ लुई लैंगरेज के नाम पर अंतरिक्ष में कुछ प्वाइंट्स के नाम इसी पर रखे गए हैं।
वहीं, इस मिशन में आदित्य का मतलब सूर्य से है। सूर्य का एक नाम आदित्य भी है। ऐसे में सूर्य के लिए भारत के पहले मिशन का नाम Aditya L1 पड़ा
बता दें कि Aditya L1 मिशन का बजट करीब 400 करोड़ रुपए है। इस मिशन के जरिए आदित्य L1 लैंगरेज प्वाइंट से सूर्य की स्टडी करेगा।
इसरो के मुताबिक, इस मिशन में आदित्य L1 ये पता लगाएगा कि सूर्य की बाहरी सतह का तापमान 10 लाख डिग्री तक कैसे पहुंच सकता है। जबकि सूर्य की सतह का तापमान 6 हजार डिग्री तक होता है।
आदित्य L1 को ISRO के पीएसएलवी एक्सएल (PSLV-XL) रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। शुरुआत में इसे पृथ्वी के लोअर आर्बिट में रखा जाएगा। बाद में इसे लैंगरेज प्वाइंट की ओर ले जाया जाएगा।