बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी में जबरदस्त तेजी के बाद एक बार फिर इसकी चर्चा हो रही है। कुछ समय में ही बिटकॉइन 70,000 डॉलर के पास चला गया है।
Cryptocurrency एक तरह की डिजिटल करेंसी है, जो कंप्यूटर जेनरेटेड Key की तरह होती है औरब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड होती है। इसकी माइनिंग की जाती है।
Bitcoin दुनिया की सबसे पॉपुलर डिजिटल करेंसी है। इसके पॉपुलर होने बाद दुनिया के कुछ देशों ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल टेंडर के तौर पर अपनाया और इसे डिजिटल एसेट के तौर पर मान्यता दी।
क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल एसेट के तौर पर मान्यता दी गई है। इसका इस्तेमाल करेंसी की तरह नहीं कर सकते हैं। मतलब इससे पेमेंट नहीं कर सकते हैं। हां क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर सकते हैं।
आज कई मोबाइल ऐप या क्रिप्टो एक्सचेंज मौजूद हैं, जहां अपना पैसा निवेश कर अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग कर सकते हैं। किसी क्रिप्टो के फ्रैक्शंस में भी निवेश कर सकते हैं।
अब क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े कई नए प्रोडक्ट बाजार में आ रहे हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज का खुलना, क्रिप्टो ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम्स है। मतलब इसमें निवेश शेयर मार्केट जैसा हो सकता है।
देश में आयकर कानून की धारा-115BBH के तहत क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल एसेट क्लास माना गया है। इसमें निवेश करने पर 30 प्रतिशत का टैक्स देना होता है। इस पर 4 परसेंट का सेस भी लगता है।
1 जुलाई 2022 के बाद क्रिप्टोकरेंसी या वर्चुअल डिजिटल एसेट की सेल ट्रांजैक्शन पर 1% TDS देना होता है। क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग, सेलिंग, प्रॉफिट बुकिंग और स्वैपिंग पर टैक्स लगता है
भारत में अगर क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से आप कमाई कर रहे हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय इसकी जानकारी देनी होती है। वर्चुअल डिजिटल एसेट की कॉलम भरतना होता है।