देश का सबसे बड़ा हुंडई का आईपीओ मंगलवार, 15 अक्टूबर से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। हालांकि, इसे लेकर रिटेल इन्वेस्टर्स कंफ्यूज हैं कि पैसा लगाना चाहिए या नहीं।
हुंडई IPO को लेकर कंफ्यूजन इसलिए भी है, क्योंकि इससे पहले एलआईसी और पेटीएम के आईपीओ ने निवेशकों को निराश किया है, ऐसे में सवाल उठ रहा क्या हुंडई का हाल भी उनके जैसा तो नहीं।
शेयरों की लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट प्रीमियम भी IPO के प्रति निवेशकों के इंट्रेस्ट को दिखाता है। GMP और वैल्युएशन, दोनों पर ही हुंडई IPO को लेकर ज्यादा उत्साह नजर नहीं आ रहा है
कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि हुंडई आईपीओ से अच्छा है कि बजाय मारुति के शेयरों में पैसा लगा दें। उन्होंने इस आईपीओ से दूर रहने की ही सलाह दी है।
कई एनालिसिस के मुताबिक, हुंडई के 27,870 करोड़ के IPO की कीमत मारुति की तुलना में ज्यादा वैल्युएशन कंफर्ट नहीं दे रहा है, जिसका पास करीब 3 गुना ज्यादा पैसेंजर व्हीकल हिस्सेदारी है।
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि हुंडई आईपीओ का प्राइस बैंड का अपर लेवल 1,960 रुपए काफई ज्यादा महंगा है, क्योंकि, हुंडई इस कीमत पर 26x FY25 आय का PE मांग रही है।
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि हाल में ही मार्केट में सुधार से ग्रे मार्केट प्रीमियम में गिरावट आई है। इससे आपीओ को लेकर उत्साह कम हो सकता है लेकिन लॉन्ग टर्म में निवेश कर सकते हैं।
कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स की सलाह है कि हुंडई के आईपीओ में पैसा लगाने से अच्छा है कि लिस्टिंग का इंतजार करें और फिर सही कीमत पर इसके शेयर खरीदे जाएं।
शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।