Business News

इलेक्टोरल बॉन्ड से राजनीतिक पार्टियां ही नहीं आपकी भी लॉटरी,जानिए कैसे

Image credits: Freepik

चुनावी बॉन्ड पर रोक

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्‍ड यानी इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) पर रोक लगा दी है। सर्वोच्च अदालत ने इसे असंवैधानिक बताते हुए खरीद-बिक्री पर तत्‍काल प्रभाव से रोक लगा दिया है।

Image credits: freepik

इलेक्टोरल बॉन्ड क्या होता है

इलेक्टोरल बॉन्ड को चुनावी चंदा भी कहते हैं। इस बॉन्‍ड के जरिये ही देश की राजनीतिक पार्टियों को चंदा दिया जाता था। इससे पार्टियों के अलावा हमारा-आपका भी फायदा होता है।

Image credits: freepik

पसंदीदा पार्टी को कैसे दे सकते हैं चंदा

आम आदमी यानी हम और आप अपनी पसंदीदा पार्टी को चंदा कैसे देंगे, इसकी व्‍यवस्‍था के लिए सरकार ने साल 2018 में चुनावी बॉन्‍ड लेकर आई। इससे आप अपनी पसंदीदा पार्टी को चंदा दे सकते हैं।

Image credits: freepik

इलेक्टोरल बॉन्ड से आम जनता का कैसे फायदा

चुनावी चंदा देकर आप टैक्‍स बचाने का मौका पा सकते हैं। बॉन्‍ड जारी करने के साथ सरकार ने इनकम टैक्‍स एक्‍ट में इसे शामिल कर लिया था। इसका फायदा इनकम टैक्स में छूट में मिलती है।

Image credits: Freepik

चुनावी बॉन्ड और इनकम टैक्स में छूट

इनकम टैक्‍स की धारा 80GGC और 80GGB के तहत चुनावी बॉन्‍ड पर टैक्‍स छूट मिलती है। कोई 1 लाख का इलेक्टोरल बॉन्‍ड खरीदता है तो रिटर्न भरते समय पूरी रकम पर टैक्‍स छूट क्‍लेम कर सकता है।

Image credits: Freepik

इलेक्टोरल बॉन्ड से कंपनियों को क्या फायदा

चुनावी बॉन्‍ड से जनता ही नहीं कंपनियां भी टैक्स बचा सकती हैं। सरकार ने बॉन्‍ड जारी करने से पहले कंपनी एक्‍ट 2013 के सेक्‍शन 182 में बदलाव किए, जिससे कंपनी बॉन्ड से चंदा दे सकती है।

Image credits: Freepik

चुनावी बॉन्ड को लेकर क्या है कंपनी एक्ट

इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर कोई भी कंपनी चंदा दे सकती है। उसका नाम भी पूरी तरह गुप्‍त रखा जाता है। यह बदलाव 2017 में जो बजट आया था, उसमें ही कर दिया गया था।

Image credits: Freepik

चुनावी बॉन्‍ड कहां मिलते हैं

चुनावी बॉन्ड SBI के जरिए देश में बचे जाता है। कोई भी व्‍यक्ति, ग्रुप या कंपनी इस बॉन्ड को खरीद सकती है। इसकी एक रसीद मिलती है। जिससे इनकम टैक्स में छूट के लिए क्लेम कर सकते हैं।

Image credits: Getty