भारतीय नागरिक जिनकी कमाई 50 लाख तक है, इस फॉर्म को चुन सकते हैं। हालांकि सैलरी, फैमिली पेंशन, आवासीय संपत्ति,खेती से 5 हजार तक की आय पर भी आईटीआर-1 भर सकते हैं।
50 लाख से ज्यादा कमाई वाले जो किसी बिजनेस से नहीं कमा रहे हैं तो यह फॉर्म चुन सकते हैं। इसमें इनकम से जुड़ी कई डिटेल्स देने होती है। पीएफ से ब्याज की कमाई पर यही फॉर्म भरना होता है
बिजनेस कमाई होने पर यह फॉर्म भरना होता है। ITR-1 और ITR-2 में दी जाने वाली इनकम डिटेल्स देनी होती है। शेयर, प्रॉपर्टी से कमाई, ब्याज या डिविडेंड पर भी यही फॉर्म भरना होता है।
सुगम नाम से इस फॉर्म को जाना जाता है। यह फॉर्म 50 लाख से ज्यादा कमाई वाली उन कंपनियों के लिए है, जिन्हें 44AD, 44ADA या 44AE जैसे सेक्शंस के दायरे में आने वाली इनकम हो रही है।
यह आईटीआर फॉर्म LLP, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडिविजुअल्स, आर्टिफिशियल ज्यूरीडिकल पर्सन, को-ऑपरेटिव सोसाइटी और लोकल अथॉरिटी जैसी बॉडीज के लिए है।
सेक्शन 11 के तहत छूट का दावा न करने वाली कंपनियों के लिए यह फॉर्म है। सेक्शन 11 में किसी भलाई के काम या धर्मार्थ कार्य के लिए ट्रस्ट के पास रखी संपत्ति की कमाई है।
ITR फाइल करना सावधानी वाला काम है, इसलिए ज्यादातर लोग प्रोफेशनल्स की मदद लेते हैं। आप खुद से भी इसे भर सकते हैं। ऐसे में इसकी जानकारी होनी चाहिए, कि कौन सा फॉर्म भरना है।